हल्द्वानी। नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम नगर आयुक्त ने बुधवार को एक पत्र जारी करते हुए कहा कि उत्त रप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 (यथा प्रवृत्त उत्तराखण्ड) की धारा 02 (40) के अनुसार जन सामान्य के स्वास्थ्य पर खतरनाक एवं जानलवा प्रभाव डालने के कारण तम्बाकू एवं तम्बाकू से बने उत्पाद अपदूषण है तथा इस अधिनियम की धारा 438 (1) (घ) के अनुसार बिना नगर आयुक्त द्वारा निर्गत अनुज्ञप्ति के अधीन तथा उसके निबंधनों और शर्तों के अनुकूल कोई भी व्यक्ति किसी भू-गृहादी में या उसके ऊपर कोई ऐसा व्यापार या कार्य जो जीवन स्वास्थ्य या सम्पत्ति के लिये खतरनाक हो सम्पादित नहीं करेगा।


उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यापारी / दुकानदार / व्यक्ति इस आदेश / सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा-2003) / खाद्य संरक्षण अधिनियम 2006 एवं बाल विकास मंत्रालय के किशोर न्याय (बाल देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 का उल्लंघन नहीं करेगा तथा टॉफी, कॅण्डी, चिप्स, बिस्कुट, पेयपदार्थ आदि की दुकानों पर तम्बाकू उत्पादों का विक्रय नहीं करेगा, यदि कोई व्यवसायी ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध उपरोक्त कानूनों / उत्तरप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की सुसंगत धाराओं के अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है।

नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम सीमान्तर्गत व्यवसायरत सभी तम्बाकू उत्पादों के विपणन, भण्डारण, पैकिंग, प्रसंस्करण, विनिर्माण करने वाले सभी व्यवसायियों को यह भी निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त सार्वजनिक सूचना प्रकाशन के 15 दिन के अन्दर नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम से ट्रेड लाईसेन्स / अनुाप्ति प्राप्त कर लें ऐसा न किये जाने पर निर्धारित अवधि के उपरांत ऐसे व्यवसायियों के विरूद्ध नगर निगम द्वारा आवश्यक दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।








