रामनगर। उत्तराखंड के जनपद नैनीताल के रामनगर में हुए व्यापारी के अपहरण के मामले में नया मोड़ समाने आया है, जहाँ व्यापारी को एक फौजी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर मौत के घाट उतारा दिया था। पुलिस ने व्यापारी का शव बरामद करने के साथ ही मामले का खुलासा भी कर दिया है। पुलिस ने फौजी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसका दोस्त अभी फरार है। मृतक की बाइक और शव को ठिकाने लगाने में प्रयुक्त कार को पुलिस ने जब्त कर लिया है।
मामले का खुलासा करते हुए एसपी क्राइम जगदीश चंद्र ने बताया कि दो अगस्त की रात को रामनगर नंदा लाइन निवासी व्यापारी सुहेल के लापता होने की सूचना मिली थी। जिसके आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। मामले की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज से सामने आया कि सुहेल को कुछ लोगों ने दो अगस्त की रात को पकड़ कर कार में डाला गया था। जिससे अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी। वही पुलिस ने चोरपानी में सुहेल की दुकान के पास में ही रहने वाले एक फौजी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में फौजी भरत आर्य ने बताया कि उसने सुहेल को अपने दोस्त दिनेश टम्टा के साथ मिल कर मौत के घाट उतारा। भरत की निशानदेही पर ही मुरादाबाद जिले के छजलैट थाना क्षेत्र से व्यापारी का शव व उसकी मोटर साइकिल बरामद की है।
वही पुलिस के अनुसार भरत आर्य की एक बहन थी। जिसने कुछ साल पूर्व सुसाइड कर लिया था। बताया जा रहा है कि सुहेल और भरत की बहन का प्रेम प्रसंग था। सुहेल ने जब शादी करने से इन्कार कर दिया था, तब भरत की बहन ने अपनी जान दे दी। इसके बाद से दोनों पक्षों में तनाव रहने लगा। आए दिन दोनों पक्षों में छीटाकशी होती रहती थी। भरत आर्य इन दिनों पठानकोट में तैनात था। वह कुछ दिनों पहले छुट्टी आया था। इस बीच भी उसकी सुहेल के साथ अनबन हुई थी। इसके बाद भरत ने अपने दोस्त दिनेश टम्टा के साथ मिलकर सुहेल को ठिकाने लगाने का प्लान बना लिया था। दो अगस्त की रात को दोनों ने दुकान बंद कर घर लौट रहे सुहेल की बाइक को टक्कर मारी। इसके बाद लोहे की राड से उसके सिर पर वार किया। उसके बाद दोनों ने मुरादाबाद जिले में शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया। वहीं बाइक भी छोड़ आए। बाइक को छजलैट थाने की पुलिस ने बरामद कर लावारिश में दाखिल किया था।