हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज में मेडिकल के छात्रों के साथ रैगिंग के मामले को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को कुमाऊं के आयुक्त दीपक रावत की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय समिति को जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त आपराधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले को हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल की ओर से चुनौती दी गई है। इस प्रकरण की सुनवाई कार्यवाही मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा तथा न्यायमूर्ति आर एस खुल्बे की युगलपीठ ने की।
उल्लेखनीय है कि सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग को लेकर हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी हुआ था। वीडियो में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र सिर मुंडवाकर तालिबानी तरीके से सिर झुका कर चल रहे हैं। इस वीडियो के सोशल मीडिया में जारी होने से हड़कंप मच गया। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस मामले में लीपापोती कर रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले की जांच जांच की मांग के साथ आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गयी। अदालत ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए कुमाऊं के आयुक्त दीपक रावत तथा डीआईजी नीलेश आनंद भरणे को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए। साथ ही कहा है कि सभी तथ्यों के अवलोकन के बाद दोषी लोगों के खिलाफ अपराध आपराधिक कार्रवाई अमल में लाएं। अदालत की ओर से दो सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने के निर्देश भी दिये गये हैं।
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