हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/देहरादून। उत्तराखंड में प्रारंभिक मतगणना रुझानों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री पद के लिए ‘म्यूजिकल चेयर’ खेलने के बावजूद सत्ता विरोधी लहर का सफलतापूर्वक मुकाबला किया है और पार्टी जीत की ओर अग्रसर होती दिखाई दे रही है।
प्रारंभिक रुझान में भाजपा अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से काफी आगे निकल गयी है, हालांकि पहले की तुलना में काफी नीचे है। पार्टी के मुख्य चुनावी मुद्दों राष्ट्रीय हित, राष्ट्र सुरक्षा, सेना कल्याण और धार्मिक पर्यटन ने पर्वतीय राज्य के मतदाताओं पर अच्छी छाप छोड़ी है।
भाजपा 47 सीटों पर आगे चल रही है, जो राज्य की 70 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत से आठ अधिक है। जबकि कांग्रेस 20 सीटों पर आगे चल रही हालांकि अब भी मतगणना जारी है।
राज्य में अगर भगवा पार्टी सत्ता बरकरार रखती है तो यह एक नया रिकॉर्ड बनेगा, क्योंकि वर्ष 2000 में उत्तराखंड की स्थापना के बाद से सत्ता विरोधी लहर ने कभी भी किसी भी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं लौटने दिया है।
राज्य की लालकुआं निवार्चन क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ही नहीं बल्कि उनकी बेटी अनुपमा रावत (हरिद्वार ग्रामीण) भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पीछे चल रही हैं।
पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाई भाजपा विधायक दलीप सिंह रावत से लेंसडाउन सीट से 1000 मतों से पीछे चल रही हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल श्रीनगर विधानसभा से भाजपा मंत्री धन सिंह रावत से पिछड़ गए है और उनकी पार्टी के सदस्य ओम गोपाल भी नरेंद्रनगर सीट पर मंत्री सुबोध उनियाल से पिछड़ रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रभारी हरीश रावत लालकुआं सीट से भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट से 14000 मतों से पिछड़ गए हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार खटीमा विधानसभा सीट भाजपा के प्रत्याशी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी से लगभग सात हजार मतों से पराजित हो गये हैं। श्री धामी को 40675 जबकि श्री कापड़ी को 47626 मत प्राप्त हुए।
पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस नेता यशपाल आर्य के सुपुत्र संजीव आर्य नैनीताल विधानसभा से चुनाव हार गए। उन्हें भाजपा की सरिता आर्य ने 7918 मतों से हराया। सरिता आर्य को 31443 और संजीव आर्य को 23525 मत मिले। श्री यशपाल आर्य और नैनीताल के पूर्व विधायक संजीव आर्य चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
गौरतलब है कि भाजपा ने 2017 में 70 सीटों में से 57 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने पिछली बार 11 सीटें जीती थी और इस बार 21 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है।
बहुजन समाज पार्टी एक सीट पर आगे चल रही है और निर्दलीय उम्मीदवार दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए हैं।
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