हल्द्वानी। स्थायी प्रमाणपत्रों के सत्यापन अभियान के दौरान प्रशासन ने एक बड़ी अनियमितता का भंडाफोड़ किया है। जांच के दौरान अंजुमन मोमिन अंसार, आज़ाद नगर, नैनीताल नाम की सोसाइटी द्वारा जारी एक कथित “प्रमाणपत्र” पेश किया गया, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, एसडीएम राहुल शाह और तहसील टीम ने सोसाइटी के अस्तित्व की पड़ताल की। जांच में सोसाइटी अपने पंजीकृत पते पर मौजूद ही नहीं मिली। स्थानीय स्तर पर पता चला कि साहूकर लाइन में दुकान चलाने वाला रईस अहमद अंसारी इस सोसाइटी के नाम पर अवैध तरीके से प्रमाणपत्र जारी कर रहा था। पूछताछ में रईस अहमद ने स्वीकार किया कि वह वर्ष 2007 से इस सोसाइटी के नाम पर प्रमाणपत्र जारी कर रहा है। रिकॉर्ड में भी पाया गया कि सोसाइटी ने 2007 के बाद कभी नवीनीकरण नहीं कराया, उसके अध्यक्ष और महासचिव दोनों का निधन हो चुका है, और सोसाइटी लंबे समय से पूरी तरह निष्क्रिय एवं अवैध है।
इसके बावजूद रईस अहमद वर्षों से सोसाइटी का नाम उपयोग करते हुए प्रमाणपत्र जारी कर रहा था, जिनका उपयोग कई व्यक्तियों ने जाति, निवास और जन्म प्रमाण के रूप में कराया, जबकि सोसाइटी का ऐसा कोई कानूनी अधिकार नहीं है। जांच में यह भी सामने आया कि इस अवैध सोसाइटी के प्रमाणपत्रों की रसीद पर अंकित फोन नंबर पर संपर्क करने पर प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने की पुष्टि की जाती थी। एसडीएम हल्द्वानी ने तहसीलदार को निर्देश दिया है कि ऐसे फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर जारी सभी जाति प्रमाणपत्रों की तत्काल जांच की जाए। टीम ने मौके से संबंधित सभी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और अवैध प्रमाणपत्र जारी करने में संलिप्त रईस अहमद के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जांच एवं छापेमारी में नगर मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, एसडीएम राहुल शाह और तहसीलदार हल्द्वानी मौजूद रहे। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध प्रमाणपत्र जारी करने और उनका उपयोग करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।






