खटीमा। उत्तराखंड की ऊधम सिंह नगर पुलिस ने खटीमा के भारामल सिद्धपीठ सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। इस मामले में उप्र पीलीभीत के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हत्याकांड को सिद्धपीठ के पूर्व सेवादार ने अपने भाई और हिस्टीशीटर के साथ अंजाम दिया है। ऊधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टीएस मंजूनाथ ने बताया कि गत 04 जनवरी की रात को सुरई वन रेंज के जगंल में स्थित भारामल सिद्धपीठ के महंत हरिगिरी और उनके सेवादार रूप सिंह बिष्ट की नृशंस हत्या कर दी गयी थी जबकि मुख्य सेवादार नन्हे को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। इसके साथ ही हत्यारे फरार हो गये। अगले दिन 05 जनवरी को पुलिस को घटना की भनक लगी। इसके बाद पुलिस तत्काल हरकत में आयी। उन्होंने बताया कि घटनास्थल आठ किमी दूर घने जगंल में होने के चलते पुलिस के सामने कई चुनौतियां थीं। उन्होंने आगे बताया कि घटना के खुलासे के लिये ऊधमसिंह नगर, नैनीताल एवं चंपावत जनपद के तेजतर्रार अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया। इस टीम में एसओजी, एएनटीएफ के साथ ही ऊधम सिंह नगर के 08 थानाध्यक्षों को शामिल किया गया। इस टीम को 15 हिस्सों में बांटा गया। घटना का खुलासा करने के लिये सभी को अलग अलग टास्क दिये गये। घटना की तहत तक जाने के लिये उप्र व उत्तराखंड के पेशेवर अपराधियों की कुडंली खंगाली गयी। दिन रात एक कर 1200 संदिग्धों से पूछताछ की गयी। 1000 से अधिक पूर्व अपराधियों का सत्यापन किया गया तथा 1500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। तीन हफ्ते की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले और उस पर काम कर उसे सफलता में तब्दील किया गया। उन्होंने बताया कि हत्याकांड को लूट और रंजिश के चलते अंजाम दिया गया। इसमें सिद्धपीठ के पूर्व सेवादार मुख्य किरदार है।
उन्होंने बताया कि कालीचरण निवासी पकड़िया नौगांव, टीपीनगर, जिला पीलीभीत उप्र पूर्व में सिद्धपीठ में पांच साल तक सेवादार रह चुका है। उसने अपने भाई रामपाल निवासी रामलीला कालोनी थाना सुनगढ़ी, पीलीभीत उप्र हाल निवासी अमखड़िया मोहम्म्द गंज थाना बरखेड़ा बीसलपुर, जिला पीलीभीत और पवन कुमार निवासी राजीव कालोनी, सुनगढ़ी, पीलीभीत के सहयोग से हत्याकांड को अंजाम दिया। उन्होंने आगे बताया कि कालीचरण और पवन पिछले साल दिसंबर में हुए भंडारे में आये थे और सिद्धपीठ में चढ़ावा को देखकर उन्होंने लूट का इरादा बना लिया था। श्री मंजूनाथ ने यह भी बताया कि इससे पहले एक दिन कालीचरण सिद्धपीठ में शराब का सेवन कर रहा था तो महंत हरिगिरी ने उसे भगा दिया था। यहीं से वह रंजिश रखने लगा और बदले की भावना रखने लगा। घटना के दिन आरोपी 04 जनवरी को सिद्धपीठ के आसपास जंगल में छिप गये। आरोपी दर्राती साथ लाये थे। योजना के मुताबिक आरोपी रात में सिद्धपीठ में घुस गये। आरोपियों ने सबसे पहले महंत हरगिरी पर डंडों से हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी। साथ ही बचाव के लिये आये सेवादार रूप सिंह को भी पीट पीट कर मार डाला। आरोपियों ने मुख्य सेवादार नन्हे को मरा समझकर छोड़ दिया और लूटपाट कर फरार हो गये। आरोपी मौके से इंटरनेट डोंगल को भी साथ ले गये। घटना के बाद आरोपी जगंल में छिप गये और अगले दिन पीलीभीत पहुंच गये। घटना के बाद कालीचरण और पवन मजदूरी करने लगे। पुलिस को यह भी पता चला कि पवन पीलीभीत जिले का पेशेवर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ आधा दर्जन अभियोग पंजीकृत हैं तथा रामपाल पीलीभीत स्थित बरखेड़ा के श्मशान में रहता है और उसे औघड़ बाबा कहा जाता है। आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ झनकईया थाना में अभियोग पंजीकृत आगे की कार्रवाई अमल में लायी जा रही है। पुलिस महानिदेशक, पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊँ परिक्षेत्र और एसएसपी ने ब्लाइंड केस का खुलासा करने के लिये पुलिस टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।