हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नयी दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने इन राज्यों में रोड शो, पद यात्रा , साइकिल , बाइक, वाहन रैलियों और जुलूस पर लगे प्रतिबंध को 11 फरवरी तक बढ़ा दिया है।
चुनाव आयोग की ओर से सोमवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एक फरवरी से प्रत्यक्ष प्रचार के प्रतिबंध में ढील देते हुए अब राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 500 व्यक्तियों की बजाए 1000 व्यक्तियों या सभा स्थल की क्षमता के 50 फीसदी की संख्या के साथ प्रत्यक्ष सार्वजनिक सभा आयोजित करने की छूट दी गयी है।
आयोग ने घर-घर जाकर प्रचार करने की सीमा भी बढ़ा दी है। अब घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए 10 लोगों की जगह सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर 20 लोगों को अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा आयोग ने अब राजनीतिक दलों को 300 की संख्या सीमा में बढ़ोतरी करके अधिकतम 500 व्यक्तियों या हॉल की क्षमता का 50 फीसदी संख्या सीमा के साथ इनडोर बैठकों की अनुमति भी दे दी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और चुनावी राज्यों के मुख्य सचिव, प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों और इन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आभासी माध्यम से बैठक की। बैठक में पदयात्रा , कार मोटरसाइकिल रैली और रोड शो पर प्रतिबंध जारी रखा जाए या खत्म कर दिया जाए इस पर चर्चा की गई।सभी राज्यों के मुख्य सचिवों ने आयोग को सूचित किया कि कोविड संक्रमण अब घट रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि कोरोना पॉजिटिविटी में गिरावट दिख रही है और अस्पताल में भर्ती होने के मामलों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। राज्य के अधिकारियों ने हालांकि कहा कि कोविड प्रोटोकॉल सावधानियों को जारी रखने की आवश्यकता है ताकि अत्यधिक राजनीतिक गतिविधि के कारण तीव्र सार्वजनिक संपर्क के कारण कोई अनुचित उछाल न हो।
श्री चंद्रा ने इस बात पर भी जोर दिया कि भौतिक रैलियों, इनडोर -आउटडोर बैठकों, घर-घर प्रचार के लिए प्रतिबंधों में छूट पर विचार करते हुए, मौजूदा स्थिति के मद्देनजर क्षेत्र स्तर के चुनाव दायित्वों में लगे पदाधिकारियों द्वारा आदेशों के कार्यान्वयन की व्यावहारिकता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार चुनाव से जुड़ी गतिविधियों के दौरान सभी अवसरों पर कोविड बचाव के उचित व्यवहार और दिशा-निर्देशों और आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि वह सभी कार्यक्रमों के प्रयोजनों के लिए निर्दिष्ट स्थानों की पहचान करें और उन्हें अग्रिम रूप से सूचित करें।
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