
देहरादून। उत्तराखंड पुलिस की साइबर क्राइम सेल और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के एक भारतीय मास्टर माइंड को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। उसके सहयोगी पांच चीनी नागरिकों के विरुद्ध भी कार्रवाई के लिए सम्पर्क किया जा रहा है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने बुधवार को यह जानकारी संवाददाताओं को दी। उन्होंने बताया कि देहरादून के लूनिया मोहल्ला निवासी के साथ करीब 17 लाख रुपये की ऑनलाईन लोन एप के माध्यम से साईबर ठगी हुई। जिसकी जांच में साइबर सेल ने प्रथम दृष्टया पाया कि भारत सरकार के एनसीआरपी पोर्टल पर भी फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों की विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी शिकायतों को जांच अधिकारी उप निरीक्षक रोशनी रावत द्वारा सम्मिलित कर 29 दिसम्बर 2022 को विभिन्न संबंधित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई।
डीजीपी ने बताया कि उक्त अभियोग की विवेचना के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। जिसने अनुमानित 75-80 फर्जी लोन एप को बन्द कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में लायी जा चुकी है। साथ ही फर्जी लोन के नाम पर एसएमएस का प्रयोग कर लगभग 70 एसएमएस हेडर को चिन्हित कर इनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए सम्पूर्ण भारत वर्ष में बन्द करवाने का प्रयास प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियोग में 01 अभियुक्त अंकुर ढींगरा पुत्र अनिल ढींगरा, निवासी एन-2/79 मोहन गार्डन, उत्तम नगर, नई दिल्ली, हाल डी- 205 मोहन गार्डन, नई दिल्ली को उसके गुडगाँव स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया। डीजीपी कुमार ने बताया कि अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त लैपटॉप, मोबाईल फोन, हार्ड डिस्क व विभिन्न बैको के एटीएम के साथ-साथ अभियुक्त के डीएल, आरसी, आधार कार्ड, पेन कार्ड, मेट्रो कार्ड को भी बरामद किया गया।


उन्होंने बताया कि 10 दिनों की अवधि में एसटीएफ की विशेष टीम ने इस तरह के धोखाधड़ी ऑनलाइन लोन ऐप मामलों से जुड़ी तकनीकी चुनौतियों के बावजूद पहले व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। टीम द्वारा इसमे पुलिस कस्टडी रिमाण्ड लिये जाने का प्रयास किया जा रहा है। डीजीपी ने बताया कि आरोपी ऑनलाइन लोन देने वाली संदिग्ध शेल कंपनी का संचालन करने वाले भारतीय मास्टरमाइंड में से एक है। पकड़ी गयी कम्पनी की 15 विभिन्न एप, जो देश भर में प्रकाश में आये 300 करोड़ रुपये लोगों को अधिक ब्याज, लोन पर देकर लोगों से अवैध वसूली के नाम पर मानसिक उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उत्तराखण्ड राज्य में 247 फर्जी लोन एप संचालित है। डीजीपी ने बताया कि इस अभियोग में पांच चीनी नागरिकों कुआंग योंगगुआंग उर्फ बोल्ट, मिओ झाग उर्फ सिसरो, वैंज्यू ली उर्फ फोर्स, ही जेबों उर्फ लियो और दिफान वांग उर्फ स्कॉट वांग के नाम भी प्रकाश में आए हैं।
