
एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऊधम सिंह नगर के किच्छा तहसील के शांतिनगर और जवाहर नगर गांवों में सड़कों तथा नहरों पर व्यापक पैमाने पर हुए अतिक्रमण के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कार्यवाहक न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में इस मामले पर सुनवाई हुई। खमिया नंबर -1 गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता पूरण सिंह चौहान की ओर से इस मामले को चुनौती देते हुए कहा गया कि तहसील किच्छा के खमिया नंबर -एक, दो, शांतिपुरी एवं जवाहर नगर गांवों में सन् 1960-61 में बंदोबस्ती पांच सड़कों की व्यवस्था की गयी थी। इनमें से एक सड़क अतिक्रमण के चलते गायब है जबकि चार सड़कों पर व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है। आलम यह है कि लगभग 22 फीट चौड़ी 50 किमी की सड़कें अतिक्रमण के चलते मात्र 08 फीट रह गयी हैं।
तालाब और नहरें भी अतिक्रमण की जद में हैं। लोगों ने आवासीय और गैर आवासीय अतिक्रमण किया है। जिससे इन गांवों की 25000 से अधिक आबादी इसका दंश झेलने को मजबूर है। सरकार और जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने में नाकाम साबित हुआ है। सन् 2020 में ऊधम सिंह नगर के जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की गयी थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष लोहनी ने बताया कि अंत में अदालत ने सरकार और प्रशासन को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।
