नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के नैनीताल शहर से अन्यत्र शिफ्टिंग किये जाने के मामले में हाईकोर्ट के अधिवक्ता दो धड़ों में बंट गये हैं। कुछ अधिवक्ता स्थानांतरण के विरोध में आवाज बुलंद कर रहे हैं तो अधिकांश शिफ्टिंग के कदम का स्वागत कर रहे हैं। गुरुवार को अधिवक्ताओं के एक बड़े वर्ग की ओर से हाईकोर्ट शिफ्ट करने के कदम का स्वागत करते हुए मिष्ठान वितरण किया गया और इस कार्य के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश, कानून मंत्री व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीध का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए एक पत्र लिखा गया। अधिवक्ताओं की ओर से हाईकोर्ट की शिफ्टिंग के पक्ष में वृहद हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया और इस मामले में विगत 27 सितम्बर को जारी शासनादेश के प्रति खुशी व्यक्त भी की गयी। यही नहीं अधिवक्ताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश, उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में कहा गया है कि उच्च न्यायालय के शिफ्ट होने से नैनीताल जैसे पर्यटक शहर पर जन दबाव कम होगा और आवागमन, अवस्थापना सुविधाओं के साथ ही शहर के पर्यावरण को हो रही क्षति से बचाया जा सकेगा।
पत्र में आगे कहा गया है कि पर्यटक शहर होने के चलते वादकारियों व अधिवक्ताओं को यहां कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे जहां अधिवक्ताओं की समस्याओं का निराकरण हो सकेगा वहीं वादकारियों को भी सस्ता न्याय मिलेगा। पत्र पर 110 अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर का दावा किया गया है जिनमें हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एमसी कांडपाल, पूर्व महाधिवक्ता बीबीएस नेगी, केएस बोरा, ललित बेलवाल, पूर्व सॉलिसिटर जनरल आफ इंडिया अरविंद वशिष्ठ, वरिष्ठ अधिवक्ता बीडी उपाध्याय, राजेन्द्र डोभाल, सीके शर्मा, उप महाधिवक्ता एनएस पुंडीर, पूर्व महासचिव एसएस चौहान, कुर्बान अली, विनोद तिवारी, उपमहाधिवक्ता ममता बिष्ट, कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्र भट्ट समेत अनेक नाम शामिल हैं। दूसरी ओर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन हाल में आज हाईकोर्ट शिफ्ट करने के विरोध में कुछ अधिवक्ताओं की बैठक की गयी और इस कदम की निंदा की गयी। अधिवक्ताओं की ओर से कहा गया कि पहाड़ी राज्य की अवधारणा को देखते हुए राजधानी व हाईकोर्ट पहाड़ी क्षेत्र में अवस्थित होनी चाहिए। अधिवक्ताओं की ओर से दावा किया गया कि नैनीताल की जनता भी इस कदम के विरोध में है और सड़कों पर उतरने को तैयार है। बैठक में अधिवक्ता रमन साह, नितिन कार्की, डीके जोशी, भुवनेश जोशी, शक्ति सिंह, टीसी पांडे, सूरज पांडे व बार के पूर्व महासचिव दुर्गा सिंह मेहता समेत अन्य शामिल रहे।