हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी(आप) ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुये कुल 35 से 14 वार्डों में जीत दर्ज कर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और कांग्रेस जैसे बड़े राजनीतिक दलों को करारी पटखनी दी है।
निगम चुनावों की आज हुई मतगणना में आप 14 सीटों के साथ पहले स्थान पर जबकि सत्तारूढ़ भाजपा 12 वार्डों में जीत दर्ज कर दूसरे तथा विपक्षी कांग्रेस आठ वार्डों में जीत के साथ तीसरे स्थान पर रही है। वहीं शिराेमणि अकाली दल (शिअद) को एक वार्ड में जीत मिली है। इस चुनाव में किसी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। 35 सदस्यीय निगम के सदन में चंडीगढ़ का सांसद भी पदेन सदस्य है ऐसे में स्पष्ट बहुमत के लिये किसी भी दल के पास 19 सीटें होना अनिवार्य है। आने वाले दिनों में ऐसे निगम के महापौर, वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पदों के लिये अब कशमकश शुरू होने वाली है।
इस चुनाव में सबसे बड़ा झटका भाजपा को लगा है जिसे इस चुनाव में आठ सीटों का नुकसान हुआ है। पार्टी ने 2016 के चुनाव में 20 सीटें जीत कर निगम में स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। भाजपा उम्मीदवार और महापौर रविकांत शर्मा तथा पूर्व महापौर देवेश मौदगिल चुनाव हार गये। श्री शर्मा को आम के दमनप्रीत सिंह 828 मतों तथा श्री मोदगिल को आप के जसबीर सिंह ने 939 मतों के अंतर से पराजित किया। कांग्रेस को पिछले चुनाव में पांच सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था लेकिन इस बार उसे तीन सीटों का फायदा हुआ है। शिअद को एक सीट मिली थी तथा उसने इस बार भी अपना प्रदर्शन बरकरार रखा है। स्थानीय बड़े नेताओं में कांग्रेस के हरमोहिंदर सिंह लक्की और आप के चंद्रमुखी शर्मा को हार का सामना करना पड़ा है।
वर्ष 2016 में निगम के 26 वार्डों के लिये चुनाव हुआ था। लेकिन इस बार शहर के गांवों को भी निगम में शामिल किये जाने के कारण इसके वार्डों की संख्या बढ़ कर 35 हो गई है। वहीं चंडीगढ़ से सांसद भी सदन का पदेन सदस्य होता है और उसे भी वोट देने का अधिकार हासिल है। वर्तमान में भाजपा की श्रीमती किरण खेर चंडीगढ़ से सांसद हैं और ऐसे में सदन में भाजपा सदस्यों की संख्या 13 हो जाती है।
चंडीगढ नगर निगम के लिये गत 24 दिसम्बर को चुनाव हुआ था जिसमें अब तक का रिकार्ड 60.78 प्रतिशत मतदान हुआ है। चुनाव में कुल 203 उम्मीदवार थे। भाजपा, कांग्रेस और आप ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। खास बात यह है कि आप भले ही सीटों के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी रही है लेकिन जहाँ तक वोट प्रतिशत का विषय है, तो उसमें कांग्रेस 29.79 प्रतिशत मतों के साथ सबसे आगे रही है जबकि भाजपा 29.30 प्रतिशत मतों के साथ दूसरे तथा आप 27.08 प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर रही है। आप ने निगम चुनाव में पहले बार उतरे पर भाजपा और कांग्रेस के साथ मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया था। अपने पहले ही चुनाव में उसने भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े राष्ट्रीय दलों को पटखनी देकर जनता के बीच बढ़ती अपनी पैठ का अहसास करा दिया है। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंदर केजरीवाल ने भी पार्टी के लिये यहां आकर चुनाव प्रचार कर चंडीगढ़ नगर निगम में भी दिल्ली की अनुरूप व्यवस्थाएं करने जैसे अनेक वादे किये थे।
चंडीगढ़ निगम चुनाव परिणामों को देश के पांच राज्यों पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तरखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत अहम माना जा रहा है। आप पहले चार राज्याें में चुनाव में उतरने जा रही है। वहीं भाजपा उक्त राज्यों को हाेने जा रहे विधानसभा चुनावाें को देखते हुये निगम चुनाव को बड़ी गम्भीरता से ले रही थी इसमें उसने प्रचार के लिये केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत अन्य राष्ट्रीय नेताओं को भी उतारा था लेकिन पार्टी को अपेक्षानुसार सफलता हासिल नहीं हुई है।
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