हल्द्वानी। नया बाजार में 15 दिसंबर को हुए भीषण अग्निकांड ने नगर प्रशासन और विभागीय समन्वय की पोल खोलकर रख दी। आग लगने के दौरान घटनास्थल के पास मौजूद ताज चौराहा और सिंधी चौराहा स्थित फायर हाइड्रेंट लंबे समय तक क्रियाशील नहीं रहे, जिससे दमकल वाहनों को पानी की आपूर्ति में भारी विलंब का सामना करना पड़ा। आग पर काबू पाने के लिए पानी की कमी ने राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न की, जिससे स्थानीय व्यापारियों और निवासियों में रोष फैल गया। इस मामले में नगर मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई ने जल संस्थान और अग्निशमन विभाग की घोर लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने फायर हाइड्रेंट के क्रियाशील न होने के लिए जल संस्थान को जिम्मेदार ठहराया और पूछा कि आग लगने की सूचना के बाद इन हाइड्रेंट्स को सक्रिय करने में इतना समय क्यों लगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि विभाग तत्काल संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराए।
सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल 2024 में फायर हाइड्रेंट्स की स्थिति को सुधारने और समन्वय के लिए एक संयुक्त निरीक्षण किया गया था। इसके तहत यह निर्णय लिया गया था कि किसी भी अग्निकांड की स्थिति में अग्निशमन विभाग जल संस्थान और जल निगम को तुरंत सूचित करेगा, ताकि फायर हाइड्रेंट्स और पानी की आपूर्ति लाइनें सक्रिय की जा सकें। लेकिन 15 दिसंबर की घटना ने इस व्यवस्था की विफलता को उजागर कर दिया। नगर मजिस्ट्रेट ने अग्निशमन विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि अग्निकांड की सूचना कितने बजे मिली, घटना स्थल पर अग्निशमन वाहन कितने बजे पहुंचे, और जल संस्थान को फायर हाइड्रेंट्स सक्रिय करने के लिए किस समय सूचना दी गई।
घटनास्थल के आसपास के व्यापारियों ने भी इस लापरवाही पर आक्रोश व्यक्त किया है। उनका कहना है कि समय पर पानी की उपलब्धता होती तो आग पर काबू जल्दी पाया जा सकता था, और नुकसान कम होता। इस घटना ने विभागीय समन्वय और आपदा प्रबंधन प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में जिला प्रशासन ने जल संस्थान और अग्निशमन विभाग को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।