हरिद्वार। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की 52वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रमुख मुद्दों पर गहन चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में कास्सावान नाले में आपत्तिजनक सामग्री डालने की घटनाओं पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो एक सप्ताह के भीतर नाले की स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी को निर्देश दिया गया है कि वे नाले का पुलिस फोर्स के साथ निरीक्षण करें और अवैध दुकानों को सील करके उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करें। इसके अतिरिक्त, हरिद्वार में विभिन्न गंगा घाटों, नालों और अन्य स्थानों पर अवैध अतिक्रमण के मामलों पर भी विचार विमर्श किया गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अवैध अतिक्रमण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संबंधित विभाग द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी। चंडीघाट पर ड्रोन और लाइट की व्यवस्था करने के निर्देश भी जारी किए गए।गंगा नदी, नहर और अन्य जल स्रोतों में कूड़ा और पूजा सामग्री डालने की घटनाओं को रोकने के लिए जाली लगाने के निर्देश दिए गए।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पुलों पर कूड़ा डालने पर बोर्ड लगाए गए हैं और जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए हैं। फ्लड प्लेन चिन्हिकरण और रिवर बैड अतिक्रमण पर चर्चा करते हुए, अधिशासी अभियंता सिचाई ने बताया कि हरिपुर कलां से अतिक्रमण चिन्हित करने की प्रक्रिया जारी है। खंडित मूर्तियों और मूर्ति विसर्जन के लिए नगर निगम को सफाई अभियान चलाने और सार्वजनिक स्थानों पर बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रेम नगर आश्रम घाट के नालों की दिशा परिवर्तन के निर्देश भी दिए गए हैं। सर्वानंद घाट पर पुरानी पटरी पुल की स्थिति पर चर्चा करते हुए, जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि पुल को डायवर्ट कर दिया जाए। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दीपेन्द्र सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, सहायक वन संरक्षक सन्दीपा शर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर मीनाक्षी मित्तल, स्वाति कालरा, सिंचाई विभाग के अधिकारियों सहित कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।