देहरादून। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को नगर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के चिह्नीकरण के बाद सूचीबद्ध रिपोर्ट एक सप्ताह में शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि उनके विकास, पुनरूद्वार एवं पुनर्वासन की कार्ययोजना पर जल्द से जल्द कार्य आरम्भ किया जा सके। सीएस रतूड़ी ने अधिकारियों को राज्य में मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण, पुनरुद्धार, पुनर्वासन तथा पुनर्व्यस्थापन के लिए अत्यन्त संवेदनशीलता एवं मानवीयता के साथ प्रभावी कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में शहरी विकास विभाग तथा आवास विभाग की एक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएस ने शहरी विकास विभाग को सफाई कर्मियों के लिए पर्याप्त आवास एवं बीमा की व्यवस्था हेतु कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मलिन बस्तियों हेतु प्राधिकरण के माध्यम से कॉर्पस फंड के निर्माण के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि शासन की अधिसूचना संख्या 2154, 21 दिसम्बर 2016 की विभिन्न श्रेणियों के तहत जनपद बागेश्वर में श्रेणी एक की चार मलिन बस्तियां तथा श्रेणी दो की दो मलिन बस्तियां, हरिद्वार में श्रेणी एक की 57 मलिन बस्तियां, श्रेणी दो की दो, श्रेणी तीन की 24, नैनीताल में श्रेणी एक की 37, श्रेणी दो की एक, श्रेणी तीन की 23, अल्मोड़ा में श्रेणी एक की चार, देहरादून में कुल 128 मलिन बस्तियों चिह्नित की गई हैं। बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु सहित अन्य अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।