हल्द्वानी। अपराध कर जेल जाने वाले कैदी और बंदी छुटने के बाद खुद का रोजगार कर सकेंगे। जेल में बंद कैदियों को आजीविका चलाने के विविध गुर सिखाए जा रहे हैं। कैदियों को सक्षम बनाने के लिए उप करागार हल्द्वानी में जेल प्रशासन ने नई पहल की शुरूआत की है। जेल में बंद कैदियों को बेकरी में बनाने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए बाहर से बेकरी कारीगर को बुलाकर इच्छुक कैदियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जेल प्रशासन ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। ब्रिटिश कालीन पुरानी जेल की बिल्डिंग में बेकरी लगाने की कवायद की जा रही है। बेकरी में काम आने वाली मशीनें भी यहां पर आ चुकी हैं। जल्द ही इच्छुक कैदियों को बेकरी में बनाने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण दिया जाने लगेगा। बता दें कि उप कारागार हल्द्वानी में वर्तमान में 1571 कैदी है, जिनमें 1498 पुरुष और 73 महिला कैदी हैं। उप कारागार में बंद कैदियो को हुनरमंद बनाने के लिए जेल प्रशासन की ओर से स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाते रहे।
जेल अधीक्षक प्रमोद पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि जेल से छूटने के बाद कैदी बेहतरी जीवन शैली अपनाने के साथ ही अपनी आजीविका बढ़ा सकें, इसके लिए उन्हें कई तरह के प्रशिक्षण दिए गए हैं। अब यहां पर इच्छुक कैदियों को बेकरी में बनने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुरानी बिल्डिंग में रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया गया है, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। जेल अधीक्षक प्रमोद पाण्डेय ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान बंदियों को 55 रूपए, थोड़ा सीखने पर 65 रूपए दिए जाएंगे। जब बंदी पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाएगा तो उसे 85 रूपए पर प्रतिदिन मानदेय दिया जाएगा। फिलहाल बेकरी में कारागार में प्रयोग में आने वाले उत्पाद ही बनाए जाएंगे। अगर उत्पाद ज्यादा बने तो उसकी मार्केटिंग की व्यवस्था भी जेल प्रशासन की ओर से की जाएगी। मार्केटिंग होने के बाद इसका लाभ कैदियों को भी मिलेगा।