एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने ऊधमसिंह नगर के काशीपुर शहर में ई-रिक्शा के रूट तय करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को राज्य सरकार से स्थिति से स्पष्ट करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ती विवेक भारती शर्मा की युगलपीठ ने काशीपुर निवासी अभिमन्यु भारद्वाज की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि काशीपुर में संचालित होने वाले ई-रिक्शा के रूट निर्धारित नहीं हैं।
मनमर्ज़ी से इनका संचालन हो रहा है। राजमार्ग पर भी ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है। इनकी गति मात्र 25 किलोमीटर प्रति घन्टा है। इनके संचालन से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। भारत सरकार की ओर से मोटरयान अधिनियम की धारा 66 के तहत इन्हें परमिट में छूट दी गयी है और रूट का निर्धारण राज्य सरकार पर छोड़ा है परन्तु अभी तक राज्य सरकार ने इनके संचालन के लिए रूटों का निर्धारण नहीं कर पायी है। परमिट की अनिवार्यता नहीं होने के कारण इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी होती जा रही। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से ई-रिक्शा रूटों के निर्धारण की मांग की गई है।