- वार्ड नम्बर 31 को आदर्श वार्ड बनाने के लिए देंगे शतप्रतिशत योगदान
- सफाई कार्य पर विषेष फोकस, 75 प्रतिषत लक्ष्य पूर्ण करने का दावा
हल्द्वानी। वनभूलपुरा क्षेत्र में घनी आबादी के कारण समस्याओं का यों तो अंबार लगा रहता है। इन समस्याओं के समाधान के लिए यहां के कुछ जनप्रतिनिधियों ने धरातल पर कार्य किया है। जिन्होेंने क्षेत्र मेें सफाई, सीवर, विद्युत, गंदे नाले, पेयजल के समाधान के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। इसके अलावा वनभूलपुरा क्षेत्र में सड़कों, नशे आदि की समस्या पर भी फोकस किया है। इन जनप्रतिनिधियों मेें वार्ड 31 के पार्षद शकील अंसारी भी है। इनके प्रयासों से यहां के वाशिंदों को भी राहत मिली है।
शकील अंसारी का कहना है कि वे अपने वार्ड को आदर्श वार्ड बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आने वाले दिनों में वे इसे अमलीजामा पहनाने का प्रयास करेंगे। विदित हो कि वार्ड 31 में सफाई व्यवस्था, गंदे नाले का मामला, सीवर की समस्या, विद्युत, पेयजल आदि की समस्या पर पार्षद हमेशा से मुखर रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने यहां की सफाई व्यवस्था पर खासा फोकस किया है। उनका कहना है कि पूर्व में यहां पर तीन सफाई कर्मी तैनात थे। उनके प्रयासों से सफाई कर्मियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके लिए उन्होंने मेयर डा. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला का भी आभार जताया। उनका कहना है कि क्षेत्र में सीवर लाइन डाले जाने के लिए योजना प्रस्तावित है और डीपीआर के बाद इस पर कार्य को शुरू किया जायेगा। क्षेत्र की समस्याओं को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र में नशे के भी अधिकता है और उन्होेंने पुलिस के साथ मिलकर इसके समाधान के लिए प्रयास किया। अंसारी का कहना था कि अगर पुलिस इस पर प्रभावी और ठोस कार्रवाई हो तो इसका समाधान हो सकता है।
इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान वनभूलपुरा में लोगों को राशन और अन्य सहायता पहुंचाने में भी उनका खासा योगदान रहा। साथ ही वार्ड में उज्जवला गैस कनैक्शन, वृद्धावस्था पेंशन से लेकर तमाम समस्याओं पर उन्होंने अपने वार्ड के सदस्यों को लाभान्वित करने का प्रयास किया है। उन्होेंने कहा कि उनके क्षेत्र में पोस्ट आफिस न होने से लोगों को परेशानी होती हैं। उनका कहना था कि यहां सरकार को पोस्ट आफिस खोलना चाहिए जिससे यहां के लोगों के बचत खाते, वजीफा और आधार कार्ड संबधित कार्यों में आसानी हो जाती। साथ ही बचत खाते खोले जाने से सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी होती। उनका कहना था कि वे अपने कार्य को ईमानदारी से करते रहेंगे और जनता ईमानदारी से उनके कार्यों का मूल्यांकन करेगी।