देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका सीधा प्रभाव राज्य के कर्मचारी, महिला कार्यकर्त्री, स्वास्थ्यकर्मी और आम जनता पर पड़ेगा। कैबिनेट ने जहां महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी, वहीं समान नागरिक संहिता (UCC) में विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया गया है। बैठक में तय किया गया कि अब सुपरवाइजर पदों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों का पदोन्नति कोटा 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा। मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों के लिए अलग कोटा समाप्त करते हुए उन्हें भी इसी श्रेणी में शामिल किया गया है। रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में जहां विधानसभा परिसर प्रस्तावित है, वहां बनाए गए फ्रिज जोन में भी संशोधन किया गया है। अब इन क्षेत्रों में लो-डेंसिटी घरों और छोटी दुकानों के निर्माण की अनुमति होगी, जिसके मानक आवास विकास विभाग तय करेगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों के लिए सेवा नियमावली में बड़ा संशोधन किया गया है। अब वे पांच वर्ष की संतोषजनक सेवा के बाद एक बार अपने जीवनकाल में पारस्परिक स्थानांतरण का लाभ उठा सकेंगे। समान नागरिक संहिता के तहत ऑनलाइन विवाह पंजीकरण में भी संशोधन किया गया है। अब नेपाल, भूटान और तिब्बती मूल के व्यक्तियों के लिए आधार कार्ड के साथ उनके नागरिकता प्रमाणपत्रों को भी मान्यता दी जाएगी। कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति में अर्हकारी सेवा शिथिलीकरण नियमावली में भी संशोधन को मंजूरी दी। साथ ही, राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्ष पर पंचम विधानसभा के विशेष सत्र की तिथि निर्धारण का अधिकार मुख्यमंत्री को सौंपा गया।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अब अपने कर उपरांत लाभ (Profit After Tax) का 15 प्रतिशत भाग राज्य सरकार को देंगे।






