एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड के उद्यान विभाग में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले के मामले में विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) की ओर से सोमवार को अदालत में सील बंद रिपोर्ट सौंप दी गयी है। अब अदालत को तय करना है कि इस मामलेे की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी जाये या नहीं ? मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में हल्द्वानी निवासी दीपक करगेती और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर वर्चुअली सुनवाई हुई। एसआईटी की ओर से जांच की प्रगति रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में अदालत में सौंपी गयी। रिपोर्ट को रिकार्ड में ले लिया गया है। अदालत आज रिपोर्ट का परीक्षण नहीं कर पायी। अब छह सितम्बर को रिपोर्ट का परीक्षण किया जायेगा। अदालत यह भी देखेगी कि जांच सही दिशा में हो रही है या नहीं और इस प्रकरण की जांच सीबीआई के हाथों में सौपी जाये या नहीं?
याचिकाकर्ता की ओर से इसी साल एक जनहित याचिका के माध्यम से इस मामले को चुनौती दी गयी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि नर्सरियों और पौधारोपण के नाम पर भारी अनियमितातायें की गयी हैं।
जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से पेड़ों की खरीद के नाम पर भारी भरकम घोटाला किया गया है।याचिकाकर्ता की ओर से इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गयी है। इसमें उद्यान निदेशक हरमिंदर बावेजा पर भी सीधी सीधी ऊंगली उठायी गयी है। इस मामले में चर्चा में आने के बाद धामी सरकार ने निदेशक बावेजा को निलंबित कर दिया। साथ ही जांच एसआईटी को सौंप दी। अदालत ने पिछली सुनवाई पर एसआईटी को दो सप्ताह की मोहलत देते हुए जांच की प्रगति रिपोर्ट सौंपने के आदेश दे दिये थे।