हल्द्वानी। उत्तराखण्ड देवभूमि ट्रक ओनर्स महासंघ ने प्रदेश में ओवरलोडिंग की समस्या को लेकर सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महासंघ का कहना है कि पिछले साल दिसम्बर से वे ओवरलोडिंग के खिलाफ आवाज उठाते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। महासंघ के अनुसार, प्रशासन द्वारा पहले आश्वासन देने के बाद कुछ समय तक ओवरलोडिंग पर नियंत्रण किया गया, परंतु बाद में स्थिति फिर से अराजक हो गई और ट्रक ओनर्स के प्रयासों को विफल कर दिया गया। महासंघ का कहना है कि उन्होंने कई बार परिवहन और पुलिस विभाग के माध्यम से प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ओवरलोडिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है, जिसका परिणाम अल्मोड़ा के सल्ट हादसे में 36 निर्दोष लोगों की मौत के रूप में सामने आया। महासंघ का मानना है कि अगर प्रशासन ने पहले ही ओवरलोडिंग पर पूरी तरह से रोक लगाई होती, तो यह घटना और अन्य दुर्घटनाएं नहीं होतीं। ट्रक ओनर्स महासंघ ने सरकार से मांग की है कि रामनगर, हल्द्वानी, टनकपुर और पूरे उत्तराखंड में ओवरलोडिंग पर कड़ी कार्रवाई की जाए। महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर अमल नहीं हुआ, तो वे एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे। इस संभावित हड़ताल की जिम्मेदारी पूरी तरह से शासन-प्रशासन पर होगी। महासंघ ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को भी पत्र लिखा है, जिसमें प्रदेश में ओवरलोडिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है।