हल्द्वानी। उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए मंगलवार को मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटाबाग तक ड्रोन के माध्यम से दवाएं और ब्लड सैंपल पहुंचाए गए। यह पहल प्रदेश के दुर्गम और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गति को कई गुना तेज करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि ड्रोन तकनीक की सहायता से 5 किलोग्राम तक की दवाएं या नमूने 400 फीट की ऊंचाई पर 100 किलोमीटर तक की दूरी पर भेजे जा सकते हैं। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि जीवनरक्षक दवाओं और सैंपल्स की समय पर डिलीवरी से कई जानें भी बचाई जा सकेंगी।
मंगलवार को हुए ट्रायल में पहला ड्रोन मेडिकल कॉलेज से दोपहर 12:03 बजे उड़ान भरकर 12:32 बजे कोटाबाग सीएचसी पहुंचा, जिसने 35 किलोमीटर की दूरी 29 मिनट में तय की और 2.7 किलोग्राम की दवाएं पहुंचाईं। वहीं, दूसरी उड़ान कोटाबाग से दोपहर 1:13 बजे रवाना हुई और 1:36 बजे मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी पहुंची, जिसमें 3 किलोग्राम वजनी डायग्नोस्टिक सैंपल लाए गए। ड्रोन सेवा के सफल ट्रायल से यह साबित हो गया है कि तकनीक के सहारे पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति और दिशा दी जा सकती है। आने वाले समय में यह सुविधा आपातकालीन स्थितियों में लोगों की जिंदगी बचाने का अहम जरिया बनेगी।