देहरादून। उत्तराखण्ड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया फिलहाल रुक गई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 25 जून से शुरू होने वाली नामांकन प्रक्रिया और आगामी चुनावी कार्यक्रम को उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश के अनुपालन में अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला उस स्थिति के बाद लिया गया है जब उच्च न्यायालय ने रिट याचिका संख्या 410 (एम.बी.) 2025 गणेश दत्त काण्डपाल बनाम उत्तराखण्ड राज्य एवं अन्य पर सुनवाई करते हुए आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार द्वारा “उत्तराखण्ड ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत (आरक्षण एवं सीटों व पदों का आवंटन) नियमावली, 2025” का विधिवत राजपत्र में प्रकाशन नहीं किया गया है।

याचिका में की गई इस आपत्ति पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने ग्राम प्रधान, ब्लॉक परिषद सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए आरक्षण आवंटन की सम्पूर्ण प्रक्रिया पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 12 जनपदों (हरिद्वार को छोड़कर) में पंचायत सदस्यों, प्रधानों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के चुनाव के लिए 21 जून को अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके तहत नामांकन की प्रक्रिया 25 से 28 जून तक चलनी थी। लेकिन अब इस पर भी अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। मामले की अगली सुनवाई 25 जून 2025 को होगी, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाओं पर विस्तृत विचार किया जाएगा।

इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि जब तक अदालत की ओर से कोई नया आदेश नहीं आता, तब तक नामांकन और चुनाव संबंधी कोई भी कार्यवाही नहीं की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी सार्वजनिक की और कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इस निर्णय से पंचायत चुनाव की समयसीमा पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं, और अब सभी की निगाहें 25 जून को होने वाली न्यायालयीय सुनवाई पर टिकी हैं।