देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की घोषणाओं और विकास कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकताओं को शीर्ष पर रखते हुए जन समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्रों की जमीनी समस्याओं की गंभीरता को समझते हुए शासन-प्रशासन को विधायकों से निरंतर संवाद बनाए रखना होगा और यदि किसी कार्य में कोई अड़चन आ रही हो, तो विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष संबंधित विधायक से सीधे संवाद कर समाधान निकालें। मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी 70 विधानसभाओं में की गई घोषणाओं एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच एक सशक्त सेतु की आवश्यकता जताई और कहा कि प्रत्येक विधानसभा के लिए अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जल्द नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया जाए, जो योजना कार्यों की प्रगति पर सतत निगरानी रखते हुए समाधान केंद्रित कार्य संस्कृति विकसित करें।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उसकी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को संरक्षण देने हेतु नवाचार किए जाएं, ताकि लोक पहचान को मजबूती मिल सके। बैठक के दौरान हरिद्वार में जलभराव की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थायी समाधान के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए और उसका सर्वे कर एक ठोस प्रस्ताव शीघ्र तैयार किया जाए। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में स्थायी जल व्यवस्था के लिए एक महीने के भीतर डीपीआर तैयार करने के निर्देश भी दिए गए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने संजय झील को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया को गति देने और कांवड़ यात्रा के दौरान जनता को असुविधा न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की विस्तृत योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने शहरी क्षेत्रों के ड्रेनेज सिस्टम को सुदृढ़ करने, पार्कों के निर्माण और उनके सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान देने को भी कहा।

बरसात के बाद निर्माण कार्यों में तेजी लाने और सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। साथ ही, एम्स ऋषिकेश और किच्छा में प्रस्तावित एम्स सैटेलाइट सेंटर के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने की बात भी कही गई। मुख्यमंत्री ने हर जिले में दो-दो गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने की योजना पर भी ज़ोर दिया, जिससे ग्रामीण विकास को नई दिशा मिल सके। बैठक में उपस्थित विधायकगणों विनोद चमोली, प्रेमचंद अग्रवाल, मदन कौशिक, बृज भूषण गैरोला और प्रदीप बत्रा ने क्षेत्रीय समस्याओं जैसे जलभराव, पार्किंग, सीवरेज, यातायात प्रबंधन और सौंदर्यीकरण के मुद्दों को विस्तार से उठाया।






