देहरादून। कोविड-19 के मद्देनज़र उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में, उत्तराखण्ड की कारागारों में निरूद्ध विचाराधीन और सिद्धदोष बंदियों को अंतरिम जमानत और पैरोल पर रिहा किया गया था। हाल ही में, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, इन बंदियों को संबंधित कारागारों में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया है। उच्चतम न्यायालय ने Suo Moto Writ Petition No-01/2020 में 16 जुलाई 2021 को आदेश जारी किया था कि अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए बंदियों को आत्मसमर्पण के लिए नहीं कहा जाएगा, लेकिन 24 मार्च 2023 को दिए गए नए आदेश के तहत इन बंदियों को आत्मसमर्पण करना होगा।
इस संदर्भ में, उप महानिरीक्षक कारागार, उत्तराखंड के पत्र के अनुसार, 24 अप्रैल 2023 को सभी संबंधित कारागारों में आत्मसमर्पण के निर्देश दिए गए थे। अब तक, 220 सिद्धदोष और 590 विचाराधीन बंदियों ने अपने संबंधित कारागारों में आत्मसमर्पण किया है। हालांकि, 81 सिद्धदोष और 512 विचाराधीन बंदियों ने अभी तक आत्मसमर्पण नहीं किया है। इस स्थिति को देखते हुए, महानिरीक्षक कारागार ने 8 अक्टूबर 2024 को कारागार अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को ऐसे बंदियों के आत्मसमर्पण के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।