देहरादून। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के तहत जिला प्रशासन एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है। इसी क्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल ने गुलरघाटी स्थित खाद्य गोदाम का औचक निरीक्षण किया, जहां भारी अनियमितताएं पाई गईं। डीएम के निरीक्षण से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। गोदाम में निर्धारित मानकों का पालन न होने, रजिस्टरों के सही रखरखाव में लापरवाही और गुणवत्ता परीक्षण में गड़बड़ी सामने आने पर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से वरिष्ठ विपणन अधिकारी विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी (एआरओ) अजय रावत पर प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज कर उनके वेतन पर रोक लगाने और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने मौके पर ही गेहूं और चावल के सैंपल लिए, जिनकी गुणवत्ता जांच में गंभीर खामियां पाई गईं। Prima Facie जांच में अनाज मानकों पर खरा नहीं उतरा, जिसके बाद जिलाधिकारी ने कुंटलों अनाज को रिजेक्ट कर दिया। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि दूरस्थ ग्रामीणों, स्कूली बच्चों और धात्री माताओं को घटिया अनाज नहीं खाने दिया जाएगा। सरकार की छवि और जनहित के लिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है और लापरवाह अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।निरीक्षण के दौरान खाद्य गोदाम में भारी अव्यवस्था पाई गई। अनाज रखने के लिए उचित रैक नहीं थे, FIFO (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट) प्रणाली लागू नहीं थी, और चूहों से बचाव के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं किए गए थे। बोरियों पर अनाज भरने की तिथि और वजन अंकित नहीं था, जबकि सिलाई भी निर्धारित सुतली से नहीं की गई थी।
डीएम ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान डीएम ने अनाज की बोरियों का वजन भी खुद कराया, जिसमें निर्धारित वजन से कम पाया गया। बोरियों का कुल वजन 50.580 किलो होना चाहिए था, लेकिन जांच में यह 50.150 किलो निकला, जिससे साफ हो गया कि अनाज की आपूर्ति में हेरफेर की जा रही थी। इस घोर लापरवाही पर जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, तहसीलदार सुरेंद्र देव, फूड सेफ्टी ऑफिसर सहित कई संबंधित अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों पर और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषी अधिकारियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।


