
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भ्रष्टाचार मुक्त और ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड के संकल्प को जमीनी हकीकत में बदलने की दिशा में कुमायूं रेंज की आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाया है। कुमायूं रेंज में बढ़ते नशे के कारोबार, पुलिस की मिलीभगत से पनप रहे भ्रष्टाचार और संगठित अपराधों पर लगाम कसने के लिए उन्होंने Special Operations Task Force (SOTF) का गठन किया है, जो अब सीधे रेंज स्तर से निगरानी और कार्रवाई करेगी। यह टास्क फोर्स न केवल नशे के अवैध कारोबार को नष्ट करेगी, बल्कि यदि किसी भी मामले में पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई गई, तो उसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। IG रिद्धिम अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि अब अपराधियों के साथ-साथ अपराधियों को बचाने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
बीते समय में आमजन और जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि स्कूल-कॉलेजों के आस-पास ड्रग्स की बिक्री हो रही है और स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से संगठित अपराधी बेलगाम हो चले हैं। कई बार जनपदों को निर्देश दिए गए, परंतु अधिकतर शिकायतों को केवल औपचारिकता मानकर नजरअंदाज किया गया। इसी पृष्ठभूमि में IG कुमायूं ने इस नए विशेष बल का गठन कर जनता को सीधा समाधान और त्वरित न्याय देने की ठोस पहल की है। SOTF टीम में कुमायूं के विभिन्न जनपदों से चयनित योग्य और ईमानदार पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। यह टीम आईजी के सीधे निर्देशन में कार्य करेगी और हर शिकायत की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कानून के कटघरे में लाएगी। कार्रवाई न केवल तेज़ होगी, बल्कि पारदर्शी भी होगी, जिससे जनता का विश्वास लौटे और अपराधियों में डर पैदा हो।

जनता इस टास्क फोर्स से सीधे संपर्क कर सके, इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 9411110057 जारी किया गया है। इस नंबर पर केवल ड्रग्स, संगठित अपराध और पुलिस के भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें ली जाएंगी। सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी, ताकि कोई भी व्यक्ति डर या दबाव के बिना अपनी बात रख सके। अन्य सामान्य या आपात स्थिति की शिकायतों के लिए 112 पर संपर्क करने की अपील की गई है। यह नई व्यवस्था स्पष्ट संकेत देती है कि कुमायूं रेंज में अब अपराध और भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। IG रिद्धिम अग्रवाल का यह कदम न सिर्फ अपराधियों में खौफ पैदा करेगा, बल्कि ईमानदार पुलिस अधिकारियों का मनोबल भी ऊंचा करेगा। इससे कानून व्यवस्था को नई धार मिलेगी और जनता को यह भरोसा मिलेगा कि अब उनकी आवाज न केवल सुनी जाएगी, बल्कि उस पर कार्रवाई भी होगी।
