हल्द्वानी। अब बिना बीमा वाहन चलाना वाहन मालिकों के लिए भारी पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की हाल ही में हुई बैठक में लिए गए फैसलों के बाद देशभर में बिना बीमा वाहन चलाने पर सख्त कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है। उत्तराखंड में भी इस आदेश को लागू कर दिया गया है, जिसके तहत बिना बीमा के वाहन मिलने पर वाहन स्वामी को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 196 के तहत अपराधी माना जाएगा। पहली बार पकड़े जाने पर तीन माह की जेल या 2000 रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था कि बड़ी संख्या में वाहन मालिक बीमा अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा बीमा नहीं करा रहे हैं, जिससे दुर्घटना की स्थिति में बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। खासकर दोपहिया वाहनों के मामले में बीमा न कराने की प्रवृत्ति अधिक देखने को मिल रही है।

बैठक के निर्णयों के बाद उत्तराखंड के सभी जिलों में इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी ने बताया कि आदेश के बाद रामनगर, हल्द्वानी, उधम सिंह नगर और काशीपुर के परिवहन अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य है और बिना बीमा के वाहन मिलने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। पहली गलती पर तीन माह तक की जेल और 2000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। दूसरी बार गलती दोहराने पर सजा और जुर्माना दोनों की राशि बढ़ाई जा सकती है। आरटीओ अधिकारियों का कहना है कि अभियान के दौरान सड़क पर बिना बीमा दौड़ रहे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने वाहन मालिकों से अपील की है कि जल्द से जल्द अपने वाहनों का बीमा कराएं ताकि भविष्य में किसी तरह की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।