देहरादून। नाबालिग बच्चों द्वारा दुपहिया वाहन चलाने के बढ़ते मामलों पर परिवहन विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए स्कूलों के आसपास विशेष चेकिंग अभियान तेज कर दिया है। अभियान के दौरान बिना लाइसेंस वाहन चलाने वाले छात्र-छात्राओं पर सख्त कार्रवाई की गई, वहीं अभिभावकों को भी चेतावनी दी गई कि मोटरयान अधिनियम की धारा-199ए के तहत नाबालिग को वाहन देना गंभीर दंडनीय अपराध है। लगातार चल रहे अभियान में प्रवर्तन टीमों ने 65 दुपहिया वाहनों के चालान किए, जिनमें 14 मामलों में नाबालिग चालक पाए गए। इन सभी वाहनों को सीज़ कर प्रकरण न्यायालय भेजे गए हैं।संबंधित अभिभावकों को कार्यालय बुलाकर काउंसलिंग की गई और भविष्य में ऐसी लापरवाही न करने के निर्देश दिए गए।
संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन एवं सड़क सुरक्षा) डॉ. अनीता चमोला ने बताया कि सहस्रधारा मार्ग पर 14 वर्षीय छात्र को दुपहिया वाहन चलाते पकड़ा गया, जिसका वाहन तत्काल बंद कर दिया गया। इसी स्थान पर इंटरसेप्टर टीम ने दो नाबालिग छात्राओं को भी स्कूटी पर सवार पाया, जिसके बाद उनका वाहन भी सीज़ किया गया और अभिभावकों को तलब किया गया। अधिकारी ने सभी अभिभावकों से अपील की कि वे नाबालिग बच्चों को वाहन बिल्कुल न दें, अन्यथा तीन वर्ष तक की जेल, 25 हजार रुपये जुर्माना, नाबालिग को 25 वर्ष की आयु तक लाइसेंस न देने और वाहन का रजिस्ट्रेशन 12 माह तक निलंबित किए जाने जैसी सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही स्कूल प्रबंधन से भी छात्रों और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए वर्कशॉप आयोजित करने की अपील की गई है। परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि नाबालिग वाहन चालकों पर आगे भी और कड़े कदम उठाए जाएंगे।







