देहरादून। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन ने फर्जी राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड पर सख्ती दिखाते हुए सत्यापन अभियान को तेज़ कर दिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी कि 30 अक्टूबर तक कम से कम 60 प्रतिशत सत्यापन कार्य पूरा होना चाहिए, अन्यथा वेतन जब्ती और प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई तय है। अब तक प्रशासन की सख्ती से 3600 राशन कार्ड और 10,000 फर्जी आयुष्मान कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि पात्र परिवारों के हक का धन और लाभ किसी भी दशा में विचलित नहीं होने दिया जाएगा। सत्यापन कार्य में लापरवाही बरतने वाले पूर्ति निरीक्षक, एआरओ और एडीओ पंचायत अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि अपात्र लाभार्थियों को हटाकर पात्र लोगों को ही योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले माह फर्जीवाड़े में लिप्त संगठित गिरोह के खिलाफ संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

देहरादून जनपद के क्लेमेंटाउन, सहसपुर, विकासनगर, ऋषिकेश, डोईवाला, कालसी और त्यूनी क्षेत्रों में सत्यापन की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी पूर्ति निरीक्षक और पंचायत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर मृत लाभार्थियों के कार्डों को निरस्त करें और पात्रता जांच शीघ्र पूर्ण करें। जिला पूर्ति अधिकारी के अनुसार, जनपद में 3.83 लाख राशन कार्डधारक हैं, जिनमें से अब तक 40.91 प्रतिशत का सत्यापन पूरा हो चुका है। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, 1.26 लाख आयुष्मान कार्डों का सत्यापन कार्य प्रगति पर है। डीएम सविन बंसल ने कहा कि “राशन और आयुष्मान का हक केवल पात्र परिवारों को मिलेगा। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”






