
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर ठगी के एक ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसमें ऑनलाइन ट्रैडिंग के नाम पर भोलेभाले लोगों को चूना लगाया जाता था।एसटीएफ ने ऐसे ही एक सरगना को गिरफ्तार किया है जो अभी तक विभिन्न राज्यों में लोगों को एक करोड़ से अधिक का चूना लगा चुका है। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार अल्मोड़ा में एक शिक्षक से इसी साल फरवरी में ऑनलाइन ट्रैडिंग के नाम पर 30 लाख रुपये की ठगी कर ली गयी थी। पीड़ित ऑनलाइन ट्रेडिंग के लालच में ऐसे ही एक विज्ञापन के झांसे में आ गया। यहीं से ठगी का खेल शुरू हो गया। जब तक शिक्षक कुछ समझ पाता तब तक वह 30 लाख रुपये गंवा चुका था। इसके बाद पीड़ित ने उत्तराखंड पुलिस की साइबर सेल में शिकायत दर्ज की। एसटीएफ तत्काल हरकत में आ गयी। एसएसपी अग्रवाल के निर्देश पर साइबर सेल के निरीक्षक ललित मोहन को मामले की जांच सौंपी गयी। काफी मशक्कत के बाद एसटीएफ की टीम ने आरोपी चंदन कुमार यादव निवासी ग्राम मानिकपुर, पो0 पीरपैंती, मलिकपुर दियारा, भागलपुर, बिहार को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया।

एसएसपी एसटीएफ
पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड आदि राज्यों में आनलाइन ट्रैडिंग के नाम पर कई लोगों को चूना लगा चुका है। उसके खिलाफ 11 शिकायतें मिली हैं। पुलिस को फिलहाल जांच में एक करोड़ रुपये की ठगी का पता चला है। एसएसपी अग्रवाल ने बताया कि आरोपी ठगी के इस खेल की शुरूआत सोशल मीडिया साइट पर ऑनलाइन ट्रैडिंग के नाम पर विज्ञापन जारी करते हैं। कुछ लोग उनके झांसे में आ जाते हैं। पीड़ित शिक्षक को नयी कंपनी के आईपीओ खरीदने के नाम पर तीन गुना लाभ का ख्वाब दिखाया गया। आरोपी ने पीड़ित को डिजिगामैक्स नामक मोबाइल एप्लीकेशन भेजी और निवेश के नाम पर 30 लाख रुपये फर्जी खातों में जमा करवा लिये। इसके बाद आरोपी ने एटीएम से उन पैसों को निकाल लिया। पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिये उसे डैस बोर्ड के माध्यम से उसके खाते में दर्ज तीन गुना धन को भी दिखाया जाता। पुलिस को जांच में पता चला कि उसने कई लोंगो के फर्जी नाम से फर्म बनाकर बैंकों में खाते खोले हैं। जिनका प्रयोग वह खुद करता है। इन बैंक खातों के विरूद्ध देश के कई राज्यों में साइबर अपराधों के मामले दर्ज हैं।

एसटीएफ की टीम ने आरोपी से तीन मोबाइल फोन, लैपटाॅप, अनेक चेकबुक, पासबुक, बैंक चेक, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, फर्जी मुहरें, फर्जी आधार कार्ड एवं पैन कार्ड भी बरामद किये हैं। आरोपी के मोबाइल से टीम को इस धंधे में प्रयुक्त होने वाले कई अहम साक्ष्य और दस्तावेज भी मिले हैं। जिनमें कई ईमेल एकाउंट, बैंक खाते, फर्जी फर्म और कंपनियों के नाम शामिल हैं। आरोपी जयपुर के महेशनगर थाना डी-65 सुंदर विहार कालोनी में रहता है और फिलहाल सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर के पास डी-162, मुरलीपुरा में राजेन्द्र मोहन शर्मा के किराये के मकान से इस गोरख धंधा को संचालित कर रहा था। पुलिस ने आरोपी को शनिवार शाम को यहीं से दबोचा है। एसटीएफ को आरोपी से कई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। फिलहाल एसटीएफ की टीम अन्य राज्यों की पुुलिस से संपर्क साध कर आरोपी के गुनाह की कुंडली खंगाल रही है।