
हल्द्वानी। उत्तराखंड एसटीएफ की कुमाऊं यूनिट व साइबर क्राइम थाना कुमाऊं परिक्षेत्र की संयुक्त टीम ने एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह देशभर में फर्जी वेबसाइटों और गेमिंग प्लेटफॉर्म के जरिये साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। आरोपी सुनसान जगह किराये पर लेकर वहीं से इंटरनेट के जरिए साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने इनके कब्जे से छह लैपटॉप, 23 महंगे मोबाइल, 17 एक्टिव सिम, नौ फर्जी बैंक खातों की डिटेल, वाईफाई डिवाइस, बार कोड स्कैनर, एटीएम, चेकबुक समेत भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को सूचना मिली थी कि काठगोदाम क्षेत्र के ग्राम बासुली अमृतपुर स्थित विक्की जोशी के निर्माणाधीन होमस्टे के दो कमरों में कुछ युवक साइबर ठगी कर रहे हैं। जांच में सामने आया कि व्हाट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिये फर्जी बैंक खाते, मोबाइल सिम और बार कोड स्कैनर हासिल कर देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को ठगने का गोरखधंधा चलाया जा रहा है। सूचना के आधार पर साइबर क्राइम थाना और काठगोदाम पुलिस की संयुक्त टीम ने दबिश देकर छह युवकों को रंगेहाथ पकड़ा।
पूछताछ में मुख्य आरोपी जतिन पांडे ने खुलासा किया कि यह पूरा नेटवर्क ‘सचिन मित्तल’ नामक व्यक्ति चला रहा था, जो टेलीग्राम के जरिए उससे संपर्क में आया था। सचिन ने अन्य साथियों के साथ मिलकर अमृतपुर में दो कमरों का सेंटर सेटअप किया और ठगी में इस्तेमाल होने वाला सारा सामान मोबाइल, लैपटॉप, इंटरनेट डिवाइस आदि उपलब्ध कराए। इस सेंटर में आरोपी युवकों को बाकायदा प्रशिक्षण देकर बैंक खातों में ट्रांजैक्शन करने, ओटीपी एक्सेस करने और लॉगिन आईडी बनाकर ठगी की वेबसाइटों जैसे TOOFAN777, TOOFAN247, ALLPANELEXCH.COM, MY99EXCH.COM के जरिये कस्टमर्स से पैसे वसूलने की तकनीक सिखाई गई।पूछताछ में यह भी सामने आया कि साइबर गिरोह द्वारा जिन बैंक खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था, उन पर विभिन्न राज्यों में दर्जनों शिकायतें साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज हो चुकी हैं। कुछ खाते फ्रीज भी हो चुके थे, लेकिन गिरोह नए खाते मंगवाकर ठगी का सिलसिला जारी रखे हुए था।

गिरोह पीड़ितों से ठगे गए धन को नेट बैंकिंग और ओटीपी के जरिए एक बैंक से दूसरे में ट्रांसफर कर रहा था, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो जाए। पकड़े गए आरोपियों में जतिन पांडे, कमल किशोर, हर्ष बोरा, कौशल किशोर उर्फ आशीष ठाकुर, प्रेम कुमार और करन केवट शामिल हैं, जो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनके खिलाफ काठगोदाम थाना में बीएनएस 2023 की धारा 318(4), 61(2), 3(5) और आईटी एक्ट की धारा 66(डी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पूरे ऑपरेशन में एसटीएफ कुमाऊं यूनिट, साइबर क्राइम थाना, काठगोदाम पुलिस और तकनीकी टीम की भूमिका अहम रही। पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड दीपम सेठ के निर्देशन में साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान में एसपी एसटीएफ नवनीत सिंह, एएसपी स्वप्न किशोर, डीएसपी अंकुश मिश्रा और आरबी चमोला के नेतृत्व में यह बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अनजान लिंक या अज्ञात नंबरों से आए बैंकिंग मैसेजेस पर कोई प्रतिक्रिया न दें, और किसी भी प्रकार की ठगी की जानकारी तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी पुलिस थाने को दें।
