देहरादून/अल्मोड़ा। उत्तराखंड एसटीएफ ने 10 साल से फरार अपने ही दोस्त के हत्यारे को मुम्बई से ढूंढ निकाला है। आरोपी अपने दोस्त के अधजले शव को गड्ढे में छिपा कर फरार हो गया था। जानकारी के अनुसार यह मामला अल्मोड़ा के लमगड़ा का है। पुलिस को दस साल पहले 14 अक्टूबर, 2014 को एक अधजला शव बरामद हुआ था। पुलिस ने जांच शुरू की। शव की पहचान गुलाब सिंह, ग्राम गवाली, तहसील पधर, जिला मंडी, हिमाचल प्रदेश के रूप में हुई। पुलिस को पता चला कि गुलाब सिंह और नागराज उर्फ तिलकराज निवासी ग्राम कुंदन, तहसील पधर, जिला मंडी, हिमाचल प्रदेश 10 मार्च 2014 को लीसे के काम से अल्मोड़ा आये थे। दोनों अच्छे दोस्त थे। दोनों साथ ही लीसा का काम करने लगे। इसी बीच 18 सितम्बर, 2014 को आरोपी ने किसी बात को लेकर धारदार हथियार से गुलाब की हत्या कर दी और पहचान छिपाने के लिये शव को आधा जला कर गड्ढे में छिपा फरार हो गया। यहां से आरोपी अपने गांव में जाकर छिप गया, लेकिन जब उसे पता चला कि पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया तो वह घर से भी फरार हो गया।
एसटीएफ आरोपी की तलाश में जुटी रही। वह मुम्बई चला गया और नाम और भेष बदल कर होटलों में काम करने लगा। इस बीच पुलिस ने उसके घर की कुर्की भी कर दी। साथ ही कुमाऊं के पुलिस उप महानिरीक्षक ने आरोपी पर 20 हजार रुपये का ईनाम घोषित कर दिया। कोरोना महामारी के दौरान आरोपी अपने गांव आ गया। इस बीच एसटीएफ को जानकारी मिली कि आरोपी मुम्बई में है। एसटीएफ ने उसकी तलाश तेज कर दी। आरोपी मुम्बई में एनटाप हिल एरिया में काम कर रहा था। वह यहां पाया सूप बार में सूप बेचने का काम कर रहा था। एसटीएफ ने उसे मुम्बई पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद अल्मोड़ा लाया गया है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह हर छह माह में अपना ठिकाना बदलता रहता था। उसे अल्मोड़ा पुलिस के हवाले कर दिया गया है। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार एसटीएफ फरार अपराधियों को पकड़ने के लिये लगातार अभियान चला रही है। उन्होंने इसे पुलिस के लिये बड़ी कामयाबी माना है।