
देहरादून। उत्तराखंड STF ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वर्ष 2020 से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी अपराधी गुरदीप सिंह उर्फ गुरप्रीत को हिमाचल प्रदेश के ऊना से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने चार साल पहले रुद्रपुर में लाखों रुपये की ठगी और धोखाधड़ी की थी और फरार होकर फर्जी नाम व आधार कार्ड के जरिए हिमाचल प्रदेश में छिपा हुआ था। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा इनामी अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत यह गिरफ्तारी की गई। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए सघन अभियान चलाया था। इसी क्रम में पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ आर.बी. चमोला के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने इनामी अपराधी की तलाश शुरू की। एसटीएफ की कुमाऊं यूनिट ने तकनीकी और भौतिक साक्ष्यों का विश्लेषण करते हुए हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गुरदीप सिंह की मौजूदगी का सुराग लगाया।

इसके बाद टीम ने वहां छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इस ऑपरेशन में उपनिरीक्षक बृजभूषण गुररानी और सहायक उपनिरीक्षक प्रकाश भगत (सर्विलांस) की अहम भूमिका रही। आरोपी गुरदीप सिंह ने वर्ष 2020 में मेरठ निवासी सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल रक्षित कुमार से मकान और प्लॉट दिखाने के नाम पर 27,37,000 रुपये की ठगी की थी। इस मामले में रुद्रपुर कोतवाली में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन अपराध के बाद वह परिवार समेत फरार हो गया था। चार साल तक उसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी। गुरदीप सिंह की तलाश में जुटी एसटीएफ ने उसकी पुरानी तकनीकी और भौतिक सूचनाओं का दोबारा बारीकी से विश्लेषण किया। अपराधी के फिंगरप्रिंट, वॉयस सैंपल और अन्य दस्तावेजों को खंगाला गया।
इसके बाद टीम को हिमाचल प्रदेश भेजा गया, जहां ऊना जिले में एक संदिग्ध व्यक्ति बॉबी ठाकुर के नाम से रह रहा था। टीम ने उसके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच की और चेहरे की पहचान के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग किया। साक्ष्य मेल खाने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और गहन पूछताछ के बाद उसकी असली पहचान उजागर हो गई। इसके बाद एसटीएफ ने गुरदीप सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई उत्तराखंड में अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।