हरिद्वार। हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच भगदड़ मचने से दर्दनाक हादसा हो गया। सुबह करीब नौ बजे हुए इस हादसे में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 28 लोग घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस त्रासदी पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये व घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को सभी पीड़ितों व उनके परिजनों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही, घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन व सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा करने को कहा।
सचिव आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि पांच गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है, जबकि अन्य 23 घायलों का जिला चिकित्सालय हरिद्वार में उपचार चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार घायलों की देखभाल कर रही है। मुख्यमंत्री स्थिति की पूरी जानकारी ले रहे हैं और राहत कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हादसे के बाद सचिव आपदा प्रबंधन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और स्थिति की निगरानी शुरू की। उन्होंने जिला प्रशासन व बचाव एजेंसियों को रेस्क्यू कार्य तेज करने के निर्देश दिए। इस दौरान कंट्रोल रूम में एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राज कुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाहा अंसारी और विशेषज्ञ टीम मौजूद रही। प्रभावित परिवारों व श्रद्धालुओं की मदद के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने घटनास्थल का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की और अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि घायलों को हरसंभव चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मनसा देवी समेत राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण की मजबूत व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, दिशा संकेतक बोर्ड, आपातकालीन निकासी योजना और प्रशासनिक समन्वय को और प्रभावी बनाया जाए। वहीं, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल प्रशासनिक सूचनाओं पर भरोसा करें।






