एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पेपर लीक प्रकरण में सोमवार को सरकार एवं उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) को झटका देते हुए पेपर लीक के आरोपी के खिलाफ दायर यूकेएसएसएससी की अपील को खारिज कर दिया।यूकेएसएससी की अपील पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में सुनवाई हुई। प्रकरण के अनुसार यूकेएसएसएससी की ओर से सन् 2021 में कनिष्क सहायक भर्ती परीक्षा संपन्न करायी गयी। किच्छा निवासी नीरज जोशी ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की तथा मैरिट सूची में 69वां स्थान हासिल किया। आरोप है कि यूकेएसएससी ने उसे दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया।
यूकेएसएसएससी के इस कदम को नीरज जोशी की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी। एकलपीठ ने 17 अप्रैल को अंतरिम आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दे दिये। साथ ही कहा कि यह प्रकरण याचिका के अंतिम आदेश के तहत रहेगा। इसके बाद यूकेएसएसएससी ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ विशेष याचिका दायर की। यूकेएसएससी की ओर से आज सुनवाई के दौरान निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा गया कि प्रतिवादी पेपर लीक मामले में आरोपी है। अदालत ने यूकेएसएसएससी के तर्क को नकारते हुए कहा कि बिना दोष सिद्ध हुए प्रतिवादी को कैसे दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया से वंचित किया रखा जा सकता है। अधिवक्ता डीएस मेहता ने कहा कि अदालत ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए यूकेएसएसएससी की अपील को खारिज कर दिया।