नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हल्द्वानी दंगा के कथित मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को राहत देते हुए 2.44 करोड़ की वसूली पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ में इस प्रकरण पर सुनवाई हुई। याचिककर्ता के अधिवक्ता अहरार बेग ने बताया कि हल्द्वानी नगर आयुक्त की ओर से इसी साल आठ फरवरी को हुए बनभूलपुरा हिंसा में संपत्तियों को नुकसान के बदले में आरोपी अब्दुल मलिक को 12 फरवरी, 2024 को 2.44 करोड़ का नोटिस जारी किया गया था। निगम ने नगर निगम अधिनियम,1959 की धारा 470 के तहत भेजे गये नोटिस में तीन दिन के अदंर धनराशि नगर निगम में जमा कराने को कहा गया था। यही नहीं प्रशासन ने वसूली कार्रवाई भी शुरू कर दी थी।
हल्द्वानी तहसीलदार की ओर से मुख्य आरोपी को 25 अप्रैल, 2024 को वसूली नोटिस जारी किया गया था।आरोपी की ओर से नगर निगम की ओर से जारी नोटिस और प्रशासन की ओर से की जा रही वसूली की कार्यवाही को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि नगर निगम की ओर से जारी किया गया नोटिस गलत है। अभी उसके खिलाफ वाद लंबित है। वह दोषी साबित नहीं हुआ है। अधिनियम की सुसंगत धाराओं में प्रावधान है कि दोष सिद्ध होने के बाद ही वसूली नोटिस और कार्यवाही अमल में लायी जा सकती है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अहरार बेग के अनुसार एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद नगर निगम की ओर से जारी नोटिस और वसूली कार्यवाही पर रोक लगा दी है।