रुद्रप्रयाग। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घोलतीर के पास गुरुवार को हुए दर्दनाक बस हादसे में लापता लोगों की तलाश शुक्रवार को भी जारी रही। राहत एवं बचाव कार्यों की कमान स्वयं जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने संभाल रखी है। उनके नेतृत्व में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस व डीडीआरएफ की 6 टीमों ने विभिन्न स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। अभियान के दूसरे दिन चार शव बरामद किए गए, जबकि आठ लोग अब भी लापता हैं। जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सोनार तकनीक व राफ्टिंग के माध्यम से नदी की गहराई में सघन खोज अभियान चलाया। लगभग 15 किलोमीटर क्षेत्र में लगातार तलाश की जा रही है।
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने स्वयं घटना स्थल का दौरा कर राहत प्रयासों की समीक्षा की और मौके पर तैनात अधिकारियों को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए। दुर्घटना में घायल हुए आठ व्यक्तियों में से चार का इलाज ऋषिकेश एम्स में और चार का रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल में चल रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही मृतकों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर शीघ्र शव परिजनों को सौंपे जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन प्रभावित परिवारों के निरंतर संपर्क में है और हरसंभव सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

इस दर्दनाक हादसे के बाद जिलाधिकारी ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है, जिसमें एआरटीओ, पुलिस, लोक निर्माण विभाग और एनएच के अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति जनपद के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के संवेदनशील बिंदुओं का निरीक्षण कर सड़क सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की गहन समीक्षा करेगी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी संभावित दुर्घटनास्थलों पर चिन्हांकन कर साइनेज, पैराफिट्स, रिफ्लेक्टिव बोर्ड और सुरक्षा अवसंरचना को प्राथमिकता से बढ़ाया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और ज़िम्मेदार विभागों से इस दिशा में शीघ्र ठोस परिणाम लाने की अपेक्षा की गई है।