देहरादून। उत्तराखंड के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में लम्बे समय से रिक्त चल रहे एएनएम, स्टॉफ नर्स व मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ)के करीब चार हजार से अधिक रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जायेगी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शुक्रवार को यह घाेषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिये विभाग द्वारा चयन प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। स्वास्थ्य महानिदेशालय में आज विभागीय उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में उन्होंने प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में लम्बे समय से रिक्त चल रहे स्टॉफ नर्स के 2800 पदों, एएनएम के 824 पदों को वर्षवार भरे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एनएचएम के अंतर्गत, स्वीकृत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के 664 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को शीघ्र सम्पन्न कर लिया जायेगा।
डा. रावत ने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुये प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों में एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड सुविधाएं सुनिश्चित करने व इनके संचालन के लिये टेक्नीकल स्टॉफ नियुक्त करने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं ताकि स्थानीय स्तर पर ही मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की सहायता एवं अस्पतालों के बेहतर संचालन हेतु गठित प्रत्येक स्तर की समितियों में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। साथ ही इसमें विधायक, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि नामित किये जायेंगे। इसके लिये संबंधित समिति के नियमों में संशोधन के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि शासन एवं महानिदेशालय स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को एक-एक जनपद का भ्रमण करने तथा आवंटित जनपदों की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट महानिदेशक को सौपेंगे। इसके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं राजकीय चिकित्सालयों में आईपीएचएस मानकों के अनुरूप पैरा मेडिकल स्टॉफ, टेक्नीकल स्टॉफ एवं एमटीएस कार्मिकों के ढांचे का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
रक्तदान अमृत महोत्सव के अंतर्गत संचालित ब्लड डोनेशन कार्यक्रम की समीक्षा करे हुये मंत्री ने अधिक से अधिक रक्तदाताओं के पंजीकरण कराने पर जोर दिया। जिस पर विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सूबे में अबतक 41,348 रक्तदाताओं का पंजीकरण करा दिया गया है जोकि निर्धारित लक्ष्य के 83 फीसदी है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही स्वैच्छिक रक्तदान कराने के लिये इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिये महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में रक्तदान शिविर आयोजित किये जायेंगे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने वर्चुअल माध्यम से सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की। जिला वार समीक्षा करते हुये उन्होंने सभी सीएमओ को शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लेने के लिये एक सप्ताह के भीतर नि-क्षय मित्र बनाने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को नि-क्षय मित्र के शीघ्र लिंकेज करने को भी कहा।
डा. रावत ने बताया कि उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य है जहां सर्वाधिक नि-क्षय मित्र बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि अबतक प्रदेश में 5 हजार से अधिक नि-क्षय मित्र बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त कर लिया जायेगा इसके लिये युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बैठक में प्रभारी सचिव आर. राजेश, चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के चैयरमैन डा. डी एस रावत, कुलपति मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. हेम चंद्र, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा गरिमा रौंकली, अमनदीप कौर, प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डा. सरोज नैथानी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना के अलावा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के सीएमओ ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।