देहरादून। उत्तराखंड सरकार जल्द ही रामनगर के रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय सहित आधा दर्जन चिकित्सा इकाईयों को पीपीपी (लोक-निजी सहभागिता) मोड से हटाकर अपने नियंत्रण में लेने जा रही है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह घोषणा की, साथ ही विभागीय अधिकारियों को इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने विश्व बैंक द्वारा पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत पीपीपी मोड में संचालित सभी नौ चिकित्सा इकाईयों का अनुबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत जनपद टिहरी गढ़वाल के जिला चिकित्सालय बौराड़ी और दो अन्य इकाईयों को पहले ही सरकार अपने नियंत्रण में ले चुकी है। अब जिला चिकित्सालय पौड़ी, संयुक्त चिकित्सालय पाबौं, घिण्डियाल, रामनगर का रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भिकियासैंण और बीरोंखाल भी जल्द ही सरकारी नियंत्रण में आ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों को लेकर स्थानीय जनता की शिकायतों के कारण यह कदम उठाया गया है। अब सरकार इन अस्पतालों को खुद संचालित करेगी, जिससे स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। डॉ. रावत ने यह भी बताया कि सभी अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सकीय उपकरणों और अन्य संसाधनों का हस्तांतरण सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि दिसंबर तक इन इकाईयों को राज्य सरकार के नियंत्रण में लाया जा सके और आवश्यक चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जा सके। इस निर्णय के लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को आवश्यक तैयारियां करने और उपकरणों की सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं।