हल्द्वानी। राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ललित जोशी ने हल्द्वानी में आयोजित एक प्रेस वार्ता में शहर के विकास कार्यों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हल्द्वानी के लिए घोषित 2000 करोड़ रुपये की राशि का सरकार और प्रशासन से हिसाब मांगा। ललित जोशी ने कहा कि नगर निगम प्रशासन के पास ठेकेदारों को भुगतान करने के लिए 36 करोड़ रुपये तक नहीं हैं, ऐसे में यह बताना चाहिए कि 2000 करोड़ रुपये का विकास कार्य किस तरह से संभव होगा। ललित जोशी ने निवर्तमान मेयर पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार और उनके प्रतिनिधियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हल्द्वानी शहर के विकास की योजना और क्रियान्वयन कैसे होगा। उन्होंने प्रशासन और सरकार से पारदर्शिता की मांग की।
स्मार्ट मीटर लगाए जाने के कदम का विरोध करते हुए ललित जोशी और ऊर्जा निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारी नेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य दीप पाठक ने 1300 करोड़ रुपये के स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल उठाया कि यह राशि किसकी जेब से जाएगी और क्यों यूपीसीएल की परिसंपत्तियां अडानी ग्रुप को सौंपी जा रही हैं। दीप पाठक ने अडानी ग्रुप के साथ स्मार्ट मीटर बदलने के लिए किए गए एमओयू को सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह समझौता जनता के हितों को प्रभावित करता है और इसे पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
ललित जोशी ने हल्द्वानी के विकास के लिए आवंटित 2000 करोड़ रुपये के उपयोग पर सरकार और प्रशासन से जवाबदेही की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास कार्यों में पारदर्शिता की कमी है और जनता के पैसे का सही उपयोग नहीं हो रहा है। इस प्रेस वार्ता के दौरान राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस नेताओं ने हल्द्वानी के विकास और स्मार्ट मीटर प्रकरण पर प्रशासन से जवाबदेही की मांग करते हुए जनता के सामने कई गंभीर सवाल उठाए।