हल्द्वानी। ऑन्कोलॉजी व कैंसर के इलाज के लिए नए-नए एडवांस तरीके आ रहे हैं। इन नए ट्रीटमेंट मॉड्यूल और सर्जरी की मदद से उपचार में क्रांति आई है। यहां तक कि एडवांस स्टेज वाले कैंसर पेशंट्स का इलाज भी होने लगा है। कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है साथ ही कैंसर रोगियों के इलाज के लिए एडवांस ट्रीटमेंट मेथड्स भी आजकल उपलब्ध है। इन सबके बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर, वैशाली ने आज हल्द्वानी में एक पेशंट केंद्रित जागरूकता सत्र का आयोजन किया। मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केपर, वैशाली के एक्सपर्ट डॉक्टर ने हाल के वक्त में आ रहे अलग-अलग तरह के कैंसर केस के बारे में जानकारी दी।
साथ ही ये भी बताया कि आजकल जिन मरीजों में कैंसर के केस सामने आ रहे है उनमें कोलोरेक्टल कैंसर काफी आम है। हालांकि इस तरह के मामलों में बुजुर्ग आबादी पर ही ज्यादा प्रभाव पड़ता है, लेकिन खराब लाइफस्टाइल खाने पीने की गलत आदते, शराब का सेवन और स्मोकिंग जैसी बैंड हैबिट्स के कारण मिडिल एज के लोगों में भी कैंसर की ये समस्या बढ़ रही है। लोगों को इस कैंसर की गंभीरता समझाने के लिए यहां अवेयरनेस सेशन में एक 60 साल के बुजुर्ग का केस भी बताया गया। ये मरीज हल्द्वानी के ही थे जिन्हें कोलोरेक्टल कैंसर हुआ था, उन्हें काफी उल्टियां हो रही थी, साथ ही वो कुछ ठीक से खा-पी नहीं पा रहे थे, जिसके कारण उनकी मसल्स कमजोर पड़ रही थी और फैट भी कम हो रहा था।
मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर, वैशाली में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंड हेपाटो पैन्क्रिएटोविलियरी (जीआई एंड एचपीबी) सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्ट विवेक मंगता ने मरीज के केस की जानकारी देते हुए बताया, “हालांकि मरीज को अस्पताल के बाहर पहले ही कहीं कीमोथेरेपी दी जा चुकी थी, जिसके बाद उनमें थोड़ा-सा ही सुधार नजर आया था, जब मरीज को हमारे अस्पताल लाया गया तो उनका पीईटी- सीटी कराया गया। साथ ही पूरी तरह से जांच पड़ताल की गई जांच में पता चला कि ट्यूमर के साइज में पहले की तुलना इजाफा ही हुआ है, हमारी टीम ने ट्यूमर बोर्ड के साथ चर्चा की और कैंसर की स्थिति को देखने और जांच करने के लिए पेशेंट के इलाज का फैसला किया गया। कई टेस्ट करने के बाद, मरीज को नसोजेजूनत ट्यूब फीडिंग देने की योजना बनाई गई और कुछ महीने बाद रेडिकल (डीउ) के साथ एक एन ब्लॉक व्हीपत कोलेक्टॉमी की जा रही हैं।
मरीज के दाहिने हिस्से में कोलेक्टोमी की गई, जिसमें अंत के खराब हिस्से को हटाया गया जो हिस्सा कैंसर से ग्रसित थे, उसे हटाया गया। साथ ही सर्जरी के जरिए पूरे ट्यूमर को हटाने के लिए एन ब्लॉक व्हीपत किया गया। डॉक्टर विवेक मंगला ने कहा, “भले ही ये ऑपरेशन मुश्किल था, लेकिन सर्जरी के एक हफ्ते बाद मरीज को छुट्टी मिल गई।ऑपरेशन के बाद मरीज ने तुरंत रिकवरी की इसके अलावा ऑपरेशन के बाद, बायोप्सी में मौजूद सभी मार्जिन को क्लियर किया गया कोलन कैंसर (अति का कैंसर) के मामले बढ़ने के साथ, कैंसर से लड़ने के लिए विभिन्न उपचार मॉड्यूल के बारे में जागरुकता फैलाना महत्वपूर्ण है, एक अच्छे ट्रीटमेंट प्लान के साथ उसको सही तरह से अमल में लाकर ही इस केस को सही से सॉत्व किया गया.”
साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लगातार तरक्की हो रही है और नए-नए उपकरण आ रहे हैं। इसी तरह के हाई-टेक उपकरणों से लैस है वैशाली स्थित मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर, जहां शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ बेहतर डॉक्टर्स की टीम भी है ये टीम हमेशा एडवांस स्टेज के कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए एक्टिव रहती है।