देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्नपत्र (पेपर लीक) मामले में एक अवर अभियंता को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ गिरफ्तार लोगों की संख्या 19 हो गई है। इस सफलता के बाद, अब दो अन्य परीक्षाओं की भी जांच होगी। जबकि एक अन्य भर्ती मामले की पुनः जांच होगी। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने शुक्रवार को बताया कि यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा की जा रही है। इसी परिपेक्ष्य में पूर्व में आयोजित हुई सचिवालय रक्षक एवं कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) परीक्षाओं की जांच भी अब एसटीएफ के सुपुर्द की गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा वन आरक्षी (फॉरेस्ट गार्ड) परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिये नकल कराने वाले गिरोह को पकड़ा था, जिस संबंध में जनपद हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में अभियोग पंजीकृत हैं। इन अभियोगों का भी एसटीएफ द्वारा पुनः परीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया है।
दूसरी ओर, एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय कुमार सिंह ने बताया कि उत्तराखंड परीक्षा पेपर लीक मामले में उत्तराखंड नकल माफिया के तार उत्तर प्रदेश के नकल माफिया से जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्नातक स्तरीय पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने लंबी गहन पूछताछ के बाद धामपुर जनपद बिजनौर (उत्तर प्रदेश) निवासी ललित राज शर्मा को गिरफ्तार किया है। यह व्यक्ति उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जल निगम में अवर अभियंता पद पर आसीन है। सिंह ने बताया कि इस मामले में यह 19वीं गिरफ्तारी है। उन्होंने बताया कि ललित राज शर्मा के धामपुर स्थित फ्लैट पर दो दर्जन से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा से पहले रात को पेपर लीक के प्रश्न सॉल्व किये थे। उन्होंने बताया कि इस नकल के अड्डे पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लोग इकट्ठा हुये थे। उन्होंने बताया कि एसटीएफ की टीमों को बड़े खुलासे के लिए अन्य प्रांतों मे भी भेजा जा रहा है।