देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने खनन के क्षेत्र में नियमों को और सख्त बनाते हुए वर्ष 2024 में नई नियमावली जारी की है। खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 23 ग के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, “उत्तराखंड खनिज (अवैध खनन भंडारण का निवारण) (संशोधन) नियमावली 2023” में संशोधन करते हुए इसे लागू किया गया है। इस संशोधन नियमावली का नाम “उत्तराखंड खनिज अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण का निवारण चतुर्थ संशोधन नियमावली 2024” रखा गया है। इस नयी नियमावली के तहत खनिजों का परिवहन कर रहे सभी वाहनों में जीपीएस प्रणाली का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही, धर्मकांटा को भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के ई-रवन्ना पोर्टल से इंटीग्रेट करना भी जरूरी होगा। यदि कोई वाहन बिना वैध दस्तावेज के खनिजों का परिवहन करता पाया गया, तो वाहन मालिक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही जिस स्टोन क्रशर से अवैध खनिज लाया गया होगा, उस क्रशर पर भी 5 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा। नियमावली में अवैध खनिज परिवहन से जुड़े वाहनों पर लगाए जाने वाले अर्थदंड की धनराशि को भी बढ़ा दिया गया है। इसमें जेसीबी, पौकलैण्ड जैसे बड़े वाहनों से लेकर छोटे चार पहिया वाहनों तक के लिए अलग-अलग जुर्माने की राशि तय की गई है। इसके अतिरिक्त, बुग्गी, पिकअप जैसी गाड़ियों पर अवैध खनिज पाए जाने पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, स्वीकृत भंडारण और अनुज्ञा स्थलों के अलावा अन्य जगहों पर अवैध रूप से भंडारित खनिजों को चयनित ठेकेदार द्वारा प्रचलित रॉयल्टी की दोगुनी राशि जमा करने के बाद ही छोड़ा जाएगा। इस धनराशि को संबंधित ठेकेदार के पक्ष में समायोजित किया जाएगा।