रूद्रपुर। उत्तराखंड में गुरूद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के डेरा प्रमुख तरसेम सिंह हत्याकांड के तीन और साजिशकर्ताओं को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस ने दोनों शूटरों पर इनाम की राशि बढ़ाकर एक-एक लाख रुपये कर दी है। ऊधम सिंह नगर के एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि डेरा प्रमुख की हत्या की साजिश कई महीनों पहले से चल रही थी। तीन महीने पहले इसे अंतिम रूप दे दिया गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस इस पूरे हत्याकांड की कड़ी से कड़ी जोड़ कर आगे बढ़ रही है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है नये साजिशकर्ताओं के नाम सामने आते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि साजिशकर्ताओं में परगट सिंह निवासी तुलापुर, थाना बिलसंडा पीलीभीत, उप्र, सुल्तान सिंह निवासी ग्राम दडहा, थाना बिलासपुर, रामपुर उप्र, सतनाम सिंह निवासी कुईया महोलिया, थाना बंडा, शाहजहांपुर, उप्र, के नाम भी सामने आये हैं।
इनके अलावा जसपाल सिंह भट्टी उर्फ मिंटू निवासी केशोवाला मोड़, थाना बाजपुर, ऊधम सिंह नगर एवं सुखदेव सिंह गिल उर्फ सोनू निवासी बन्नाखेड़ा, थाना बाजपुर ऊधम सिंह नगर भी साजिशकर्ताओं में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जसपाल सिंह और शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू दोनों फुफेरे भाई हैं। दोनों मूल रूप से सिहोर, बिलासपुर उप्र के रहने वाले हैं। आरोप है कि जसपाल सिंह ने ही अमरजीत को डेरा प्रमुख की हत्या के लिये तैयार किया। अमरजीत और जसपाल हत्या के मामले में और पुलिस पर हमला के मामले में वर्ष 2014 में जेल भी जा चुके हैं। जसपाल भट्टी और सुखदेव सिंह गिल उर्फ सोनू कट्टर अपराधी हैं और दोनों वर्ष 2011 में हत्या के एक मामले में जेल भी जा चुके हैं। जसपाल के खिलाफ उप्र और उत्तराखंड मेें हत्या और अन्य संगीन धाराओं में कुल दस जबकि सुखदेव सिंह के खिलाफ हत्या के दो मुकदमे दर्ज है। सुल्तान सिंह का भी आपराधिक इतिहास है।
एसएसपी के अनुसार जसपाल और सुखदेव ने 17 मार्च को दोनों शूटरों को घटना में प्रयुक्त असलाह उपलब्ध कराया था। पुलिस ने परगट सिंह, जसपाल सिंह और सुखदेव सिंह गिल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वही पुलिस ने फरार दोनों शूटरों पर ईनाम की राशि बढ़ाकर एक-एक लाख रूपये कर दी है। उन्होंने बताया कि मुख्य साजिशकर्ताओं के खिलाफ पुलिस साक्ष्य जुटाने में लगी है और उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जायेगा। यहां बता दें कि डेरा प्रमुख की 28 मार्च को दो शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब बाबा तरसेम सिंह गुरूद्वारा परिसर में बाहर कुसी पर बैठे थे। दोनों शूटर हत्या के बाद फरार हो गये थे। दोनों की पहचान के रूप में हुई थी। पुलिस ने इससे पहले भी हत्या के चार मददगारों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।