
- हल्द्वानी के उलेमा ने उठाई न्याय और सौहार्द की बुलंद आवाज
हल्द्वानी। देश में बढ़ती धार्मिक हिंसा और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ हल्द्वानी के क़ाज़ी-ए-शहर व उलमा-ए-अहल-ए-सुन्नत के नेतृत्व में उलेमा समाज ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि इस तरह की घटनाएं न केवल मानवता को शर्मसार करती हैं, बल्कि भारत की गंगा-जमुनी तहजीब और संविधान के मूल मूल्यों को भी चुनौती देती हैं। ज्ञापन में राष्ट्रपति से आग्रह किया गया कि धार्मिक पहचान के आधार पर हो रही आतंकी व हिंसात्मक घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए कठोर कानूनी कदम उठाए जाएं।
साथ ही ऐसी घटनाओं की जांच के लिए विशेष आयोग का गठन कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके। दोषियों को कठोर दंड दिए जाने और पीड़ितों को न्याय एवं समुचित मुआवज़ा देने की भी मांग की गई है।उलेमा ने यह भी अपील की कि सरकार देश में सौहार्द, भाईचारे और शांति के वातावरण को मजबूत करने के लिए एक विशेष जन-जागरूकता अभियान चलाए, जिससे हर धर्म और समुदाय के नागरिकों में सुरक्षा और विश्वास का माहौल कायम रह सके। ज्ञापन सौंपने के दौरान क़ाज़ी-ए-शहर के साथ शहर के तमाम उलेमा मौजूद रहे जिन्होंने एक स्वर में इस बात पर ज़ोर दिया कि देश की आत्मा समावेशी है और उसे किसी भी तरह की सांप्रदायिक सोच से नहीं डिगाया जा सकता।