हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। हरिद्वार महाकुंभ फर्जीवाड़े के आरोपियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की अदालत ने भी इस मामले को शुक्रवार पर सुनवाई से मना कर दिया है। अब इस प्रकरण की सुनवाई अन्य बेंच करेगी। तीर्थनगरी हरिद्वार में पिछले साल महाकुंभ के दौरान प्रकाश में आये कोरोना जांच फर्जीवाड़े में पुलिस ने पंत दम्पत्ति शरत पंत और पत्नी मल्लिका पंत को पिछले साल आठ नवम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से वह जेल में बंद हैं।
निचली अदालत से भी आरोपियों को जमानत में राहत नहीं मिल पायी। इसके बाद तीनों ने उच्च न्यायालय में का दरवाजा खटखटाया। तीनों आरोपियों ने अलग-अलग प्रार्थना देकर जमानत की मांग की।
यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी के समक्ष सुनवाई के लिये आया लेकिन अदालत ने इस प्रकरण में सुनवाई से इन्कार कर दिया। उन्होंने इसे अन्य पीठ के लिये रैफर कर दिया। अब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा इस मामले की सुनवाई के लिये नयी पीठ का गठन करेंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी विगत 18 फरवरी को न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की पीठ ने भी इस पर सुनवाई से इन्कार कर दिया था। इससे साफ है कि लंबे समय से जेल में बंद आरोपियों की मुश्किलें इससे बढ़ेंगी।
आरोपियों पर कोरोना की फर्जी जांच के नाम पर सरकारी धन को हड़पने का आरोप है। इस प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद शासन ने इसे गंभीरता से लिया और पूरे प्रकरण के जांच के आदेश दिये। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के संकेत दिये। इसी के बाद हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) की ओर से आरोपियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करवाया गया।
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