देहरादून। काठगोदाम में वर्ष 2014 में सात वर्षीय नन्हीं परी के साथ हुई दरिंदगी के मामले में नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट से आरोपित को दोषमुक्त किए जाने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए न्याय विभाग को शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि देवभूमि में बेटियों के साथ दरिंदगी करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और इस प्रकरण में सरकार हर स्तर पर मजबूती से पैरवी करेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट से दोषी को सज़ा सुनाए जाने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट से बरी होना न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने निर्देश दिए कि सर्वश्रेष्ठ लीगल टीम को इस मामले में लगाया जाए ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और दोषी को कड़ी सज़ा दिलाई जा सके। सीएम ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। देवभूमि की अस्मिता को किसी भी तरह की ठेस बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसे असामाजिक तत्वों पर लगातार सत्यापन अभियान के माध्यम से अंकुश लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने दोहराया कि बेटियों की सुरक्षा और न्याय दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।









