देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बाहरी व्यक्तियों द्वारा खरीदी गई 200 हेक्टेयर भूमि को राज्य सरकार में निहित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिला प्रशासन ने भू-कानून के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने भू-कानून के तहत धारा 154 (4)(3)(क) और 154 (4)(3)(ख), 166/167 के उल्लंघन के मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों द्वारा बिना अनुमति के 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदने और निर्धारित अवधि के भीतर उचित उपयोग न करने के मामलों में कार्रवाई की गई। जिला प्रशासन ने इन मामलों को जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 154 के स्पष्ट उल्लंघन के तहत माना और फास्ट ट्रैक कोर्ट में इन मामलों पर सुनवाई के बाद लगभग 280 मामलों का निस्तारण किया गया।

इनमें से 200 हेक्टेयर भूमि को राज्य सरकार में निहित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रशासन ने ऐसे मामलों की जांच शुरू की थी, जिनमें बाहरी व्यक्तियों ने भूमि का गलत तरीके से उपयोग किया था। कई मामलों में भूमि को होमस्टे, फार्म हाउस और अन्य व्यावसायिक कार्यों के लिए उपयोग किया जा रहा था। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार के अवैध उपयोग से राज्य के नागरिकों को भूमि की कमी और बढ़ती कीमतों का सामना करना पड़ रहा था। प्रशासन ने परगनाधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे सभी मामलों में कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
इसी क्रम में तहसील ऋषिकेश में 21.89 हेक्टेयर, डोईवाला में 2.82 हेक्टेयर, सदर में 68.84 हेक्टेयर और विकासनगर में 107.12 हेक्टेयर भूमि के मामलों में कार्रवाई की गई है। धारा 166/167 के अंतर्गत 393 मामलों में से अब तक 280 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है। इन मामलों में भूमि को प्रारंभिक रूप से राज्य सरकार में निहित किया गया है और वादियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया है। निर्धारित समय तक जवाब न मिलने पर इन भूमि को अंतिम रूप से राज्य सरकार में निहित कर दिया जाएगा।






