- वीसी के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को दिए स्पष्ट निर्देश, तीन साल से अधिक पुराने मामलों के निस्तारण पर विशेष जोर
नैनीताल। कुमाऊं आयुक्त एवं मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने गुरुवार को मंडल के समस्त जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने जनपद स्तर पर लंबित जमीनी विवादों के शीघ्र निस्तारण और आगामी मानसून सत्र में आपदा प्रबंधन की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की।आयुक्त ने निर्देशित किया कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में एडीएम और एसडीएम स्तर के न्यायालयों का समय-समय पर निरीक्षण करें और विशेषकर तीन वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता को शीघ्र न्याय देने के लिए इस प्रक्रिया में गति लाना अत्यंत आवश्यक है। आपदा प्रबंधन को लेकर आयुक्त रावत ने कहा कि जिन क्षेत्रों में हर साल भारी बारिश से जन-हानि या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है, वहां नालों और गदेरों की पूर्व सफाई कर ली जाए।
साथ ही, इन क्षेत्रों के आसपास के निवासियों को सतर्कता बरतने के निर्देश भी समय से दे दिए जाएं। आयुक्त ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि भूस्खलन और सड़क अवरोधन की आशंका वाले क्षेत्रों में जेसीबी मशीनों और उनके चालकों की तैनाती पहले से सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में मार्गों को शीघ्र खोला जा सके। बैठक के दौरान आयुक्त ने नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह से कलसिया, रकसिया और देवखड़ी नालों की स्थिति की जानकारी ली। इस पर डीएम ने बताया कि इन नालों की सफाई और चैनलाइजेशन का कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य के लिए आवश्यक संसाधनों की स्वीकृति मिल चुकी है। बैठक में कुमाऊं मंडल के सभी जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी तथा तहसीलदार भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मिलित रहे।