
देहरादून। उत्तराखंड में किडनी रोगियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस योजना के तहत अब तक प्रदेशभर के तीन हजार से अधिक मरीजों को निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि विगत तीन वर्षों में इन मरीजों को कुल 2.88 लाख से अधिक बार डायलिसिस की सुविधा प्रदान की गई है। राज्य के विभिन्न सरकारी चिकित्सालयों और राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्थापित डायलिसिस केन्द्रों में कुल 166 डायलिसिस मशीनों के माध्यम से प्रतिदिन किडनी मरीजों का उपचार किया जा रहा है। डॉ. रावत ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है, जिससे आम लोगों को स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 101 हीमो डायलिसिस मशीनों के जरिए 821 मरीजों को करीब 78,773 बार डायलिसिस की सुविधा दी गई, जबकि 17 मरीजों का पैरिटोनियल डायलिसिस किया गया। वर्ष 2023-24 में 129 मशीनों से 984 मरीजों को 95,248 बार डायलिसिस की सुविधा मिली, वहीं 26 अन्य मरीजों को भी पैरिटोनियल डायलिसिस के माध्यम से उपचार प्रदान किया गया। इस वर्ष 2024-25 में यह संख्या और बढ़ी है, 166 मशीनों के जरिए 1174 मरीजों को अब तक 1,13,345 बार निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा मिल चुकी है, साथ ही 31 मरीजों को पैरिटोनियल डायलिसिस का लाभ भी मिला है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार की योजना छह नए डायलिसिस केंद्र खोलने की है, जिनमें पिथौरागढ़ का बेरीनाग, टिहरी का बौराड़ी, अल्मोड़ा का रानीखेत, देहरादून का मसूरी और ऊधम सिंह नगर का काशीपुर उप-जिला अस्पताल शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी किडनी रोगी उपचार से वंचित न रहे और उन्हें समय पर निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मिल सके।
